प्रयागराज : पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी एक शिष्या ने 2011 में यौन शोषण के आरोप का मुकदमा शाहजहांपुर में दर्ज करवाया था. बाद में बीजेपी सरकार द्वारा मुकदमे को वापस ले लिया गया था, जिसका उस समय पीड़िता ने विरोध भी किया था. हालांकि, जनपद न्यायालय ने सरकार के आदेश को निरस्त कर चिन्मयानंद के विरुद्ध समन जारी कर दिया था. इसके विरोध में चिन्मयानंद ने हाई कोर्ट की शरण ली, जहां पर शिष्या ने चिन्मयानंद के पक्ष में एफिडेविट दिया, जिस पर अब 16 मार्च को सुनवाई होनी है. वहीं शिष्या के पति ने पूरे प्रकरण को लेकर अपनी पत्नी और चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
जानें पूरा मामला
दरअसल, पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी एक शिष्या ने साल 2011 में यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे. प्रकरण ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी. प्रकरण को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने विरोध दर्ज कराया था. बाद में मामला जनपद न्यायालय शाहजहांपुर में पहुंचा, लेकिन राज्य सरकार द्वारा मामले को वापस ले लिया गया, जिसका शिष्या ने विरोध भी किया था. मामले में पूर्व गृह राज्यमंत्री को कोर्ट से समन जारी हुआ, जिसके विरोध में वह हाई कोर्ट चले गए थे.
अब शिष्या के पति जो बदायूं में रहते हैं, उन्होंने अपनी पत्नी और स्वामी चिन्मयानंद पर प्रकरण में आर्थिक समझौते का आरोप लगाया है, जिसके बाद यह प्रकरण एक बार फिर चर्चा में आ गया है. शिष्या के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी ने बगैर उसकी सहमति के चिन्मयानंद से आर्थिक समझौता करके चुपचाप एक मकान खरीद लिया है. महंगे शौक करने शुरू कर दिए हैं और मुझे इन लोगों की तरफ से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा है.
पति का आरोप, दोनों के बीच हुई है डील
शिष्या के पति ने कहा कि दोनों के बीच डील हो गई है. उसकी पत्नी अभी तक कहती थी वह बहुत परेशान है. कंगाली में जी रही है, लेकिन उसने अभी पिछले दिनों लाखों रुपये का फ्लैट खरीदा है. वह हवाई यात्राएं भी कर रही है. इतना पैसा अचानक उसके पास कहां से आया. इन दोनों लोगों के बीच डील हुई है, जिसे कोर्ट और सरकार स्वत: संज्ञान में ले. जब इसको लेकर उसने अपनी पत्नी का विरोध किया, तो उसका मानसिक शोषण किया जाने लगा.
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पीड़िता के पति ने बताया कि मेरी पत्नी द्वारा चिन्मयानंद पर जो केस लगाया गया था, वह सरकार ने वापस ले लिया था. इसका कड़ा विरोध भी हुआ था, जिसके बाद चिन्मयानंद को समन जारी किया गया था. इसके विरोध में चिन्मयानंद हाई कोर्ट गए. हाई कोर्ट ने मेरी पत्नी से जवाब मांगा. मेरी पत्नी ने चिन्मयानंद के पक्ष में एफिडेविट दे दिया है.