वॉशिंगटन : पेंटागन ने एक तस्वीर जारी की है, जिसमें सैकड़ों अफगान नागरिकों (Afghan citizens) को अमेरिकी वायु सेना विमान C-17 ग्लोबमास्टर III के अंदर भरा देखा जा सकता है. इन लोगों को रविवार को हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Hamid Karzai International Airport) से ले जाया गया था.
यही वह दिन था जब तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया और अधिकांश अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.
देश से भागने की उम्मीद में हजारों अफगान हवाई अड्डे पर पहुंचे क्योंकि उन्हें तालिबान के शासन का डर है.
इनमें से कुछ लोग इतने हताश थे कि वे एक सैन्य जेट के किनारे से चिपक के बैठ और फिर बाद में उनकी मौत हो गई.
अमेरिकी सैनिकों (US troops) ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया और हवा में चेतावनी के शॉट दागे. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अराजकता में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई.
अमेरिका और उसके सहयोगियों के पास अभी भी काबुल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जहां वे सैन्य विमानों पर नागरिकों और राजनयिकों को निकालने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं.
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि लोगों को बाहर निकालने के क्रम में तालिबान नेताओं के साथ आवश्यक बातचीत जारी रहेगी.उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे पर तालिबान के साथ कोई नई शत्रुवत भिड़ंत नहीं हुई है.
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किर्बी ने कहा, 'हमारे कमांडरों द्वारा तालिबान नेताओं के साथ हवाईअउ्डे पर बातचीत हो रही है.'अधिकारियों को उम्मीद है कि लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने की गति तेज होगी और देश से हर रोज 9,000 लोगों को बाहर ले जाया जा सकता है.
बता दें कि अफगानिस्तान में संकट गहराता जा रहा है. मानवाधिकार को लेकर लोगों के मन में तमाम आशंकाएं हैं. लोग जल्द से जल्द सुरक्षित जगहों पर जाने की कोशिशों में जुटे हैं. अफगानिस्ता में तालिबान के कब्जे के बीच लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है.