बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार में मंत्री सीएन अश्वत्थ नारायण ने कहा है कि ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन में हुई पथराव की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, समय-समय पर देश के कानून का सम्मान नहीं करने वाले लोगों को सही संदेश देने के लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. सरकार घटना की कड़ी निंदा करती है. शनिवार की रात पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. रविवार को मंत्री अश्वत्थ नारायण ने कहा, हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि लोग कानून को अपने में ले रहे हैं. कानून के साथ खिलवाड़ के संबंध में मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं 'असहनीय' हैं और कानून हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो नागरिकों या पुलिस पर हमला करते हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
हुबली में पथराव की घटना पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, हिंसा के बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की, जिससे हालात जल्द ही नियंत्रित कर लिए गए. उन्होंने वॉट्सऐप पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने का जिक्र कहा कि सरकार और पुलिस को जल्द-जल्द से दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हुबली को अशांत करने की साजिश की जा रही है. कुमारस्वामी ने कहा, उन्होंने कई लोगों से हुबली में पथराव की घटना पर बात की है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा इस तरीके की गतिविधियों को जारी रखना चाहती हैं. बकौल कुमारस्वामी, कुछ संगठनों की ओर से हुबली में अशांति पैदा करने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि लोगों से बात करने पर पता चला है कि जिन लोगों ने पुलिस स्टेशन, मंदिर और हॉस्पिटल पर अटैक किया है, वे किसी दूसरी जगह से आए, वे स्थानीय निवासी नहीं थे. ऐसे में सरकार को निष्पक्षता से जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता को नेताओं की मंशा पहचाननी चाहिए और दोनों समुदायों को हिंसा से बचना चाहिए. चुनाव आने तक वोट हासिल करने के लिए कुछ लोग अशांति फैलाने का प्रयास करेंगे.
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गौरतलब है कि कर्नाटक के पुराने हुबली शहर में आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर रविवार तड़के बड़ी संख्या में लोगों ने कथित रूप से हंगामा किया. उन्होंने पुलिस की गाड़ियों, नजदीक स्थित एक अस्पताल और एक हनुमान मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा कुछ पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया. पुलिस ने बताया कि हुबली शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है. बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर एक प्रार्थना स्थल पर झंडा लहराने का वीडियो डालने के बाद शहर में अशांति फैली.