नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पिछले साल नवंबर के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.अब भविष्य निधि निकाय के पात्र ग्राहकों को उच्च पेंशन का विकल्प चुनने का निर्देश दिया गया है. ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से चार नवंबर, 2022 के उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने को कहा है, जिसके जरिए शीर्ष अदालत ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 की वैधता को बरकरार रखा था.
रिटायरमेंट पेंशन फंड बॉडी, जिसके पास दुनिया का सबसे बड़ा ग्राहक आधार है, ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन को लागू करने के लिए कहा था, जिसने पेंशन योग्य वेतन कैप को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था. सर्कुलर के मुताबिक, सिर्फ वे कर्मचारी पात्र हैं, जिन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के तहत अनिवार्य रूप से उच्च वेतन में योगदान दिया है और अपनी सेवानिवृत्ति से पहले उच्च पेंशन के लिए अपने विकल्प का प्रयोग किया है, लेकिन उनके अनुरोध को ईपीएफओ ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया था.
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अब जिस पेंशनभोगी ने कर्मचारी के रूप में 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन प्रचलित वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था या कर्मचारी पेंशन योजन (ईपीएस)-95 के सदस्य होने के दौरान पूर्व-संशोधन योजना के ईपीएस के तहत संयुक्त विकल्प का इस्तेमाल किया था या ईपीएफओ की ओर से उनके इस विकल्प के प्रयोग को अस्वीकार कर दिया गया था. आवेदन के लिए विधिवत भरे आवेदन पत्र और जरूरी दस्तावेजों के साथ संबंधित क्षेत्रीय ईपीएफओ कार्यालय जाना होगा.
अनुरोध ऐसे रूप और तरीके से किया जाएगा, जैसा आयुक्त की ओर से बताया गया है. सत्यापन के लिए आवेदन पत्र में पूर्वोक्त सरकारी अधिसूचना में दिए गए आदेश के अनुसार अस्वीकरण शामिल होगा. पेंशन निधि में समायोजन की जरूरत वाले शेयरों के मामले में और अगर कोई हो तो निधि में पुनः जमा करना. पेंशनभोगी की स्पष्ट सहमति जरूरी. ईपीएफओ के पेंशन फंड में छूट प्राप्त भविष्य निधि ट्रस्ट से धन के हस्तांतरण में ट्रस्टी की अंडरटेकिंग देनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो कर्मचारी एक सितंबर, 2014 को मौजूदा ईपीएस-95 के सदस्य थे, वे वास्तविक वेतन का 8.33% तक योगदान कर सकते हैं. पेंशन योग्य वेतन के 8.33% की सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है.
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