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लिवर को बचाना है तो अपनानी होगी स्वस्थ जीवनशैली, इन बातों का रखना होगा ध्यान - लिवर को बचाना है

मस्तिष्क के बाद शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे जटिल अंग लीवर है. अगर अच्छी तरह से देखभाल न की जाए तो इसे नुकसान पहुंच सकता है. लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं (how to maintain healthy liver). पढ़ें पूरी खबर.

how to maintain healthy liver
लिवर
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Published : May 19, 2022, 12:03 PM IST

नई दिल्ली : लिवर हमारे शरीर के पाचन तंत्र में अहम भूमिका निभाता है. उचित पाचन के साथ ही यह विषाक्त पदार्थों को हटाने और पोषक तत्वों के भंडारण में मदद करता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंग स्वास्थ्य को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में इसे नुकसान न हो, इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली महत्वपूर्ण है. मुंबई के परेल स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और क्लिनिकल लीड - एडल्ट हेपेटोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट के डॉ. अमित मंडोट (Dr Ameet Mandot) का कहना है कि 'स्वस्थ लिवर लंबे जीवन की कुंजी है. जीवनशैली में थोड़े से बदलाव के साथ आप लिवर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं.'

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक दीपक का कहना है कि 'यकृत (लिवर) के स्वास्थ्य को बनाए रखना काफी आवश्यक है क्योंकि यह कई कार्य करता है. मानव पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आप जो कुछ भी खाते या पीते हैं वह यकृत से होकर गुजरता है. आप यकृत के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं. यह ऐसा अंग है जो अच्छी देखभाल न करने से आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकता है.'

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने समझाया कि खराब जीवनशैली, उचित आहार न लेने, शारीरिक गतिविधि की कमी, वजन बढ़ने से मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड और असामान्य कोलेस्ट्रॉल के स्तर जैसी स्थितियां बन सकती हैं. ये सभी गैर-मादक वसायुक्त यकृत रोग (एनएएफएलडी) के प्रमुख जोखिम कारक हैं, जो बाद में यकृत सिरोसिस में तब्दील हो जाता है. यहां तक कि यकृत स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है.

डॉ. अमित मंडोट ने सुझाव दिया कि नियमित स्वस्थ आहार लेने से वजन बढ़ने की समस्या से निजात मिल सकती है. मंडोट ने कहा, 'वसायुक्त खाद्य पदार्थों से बचें, नियमित रूप से व्यायाम करें, जिम्मेदारी से और संयम से शराब का सेवन करें, धूम्रपान कम करें या बंद करें, अवैध दवाओं के उपयोग से बचें.' वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल मुलुंड के लिवर ट्रांसप्लांट और एचपीबी सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट और चीफ सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता के अनुसार, पर्याप्त पानी न पीने, तनाव लेने के साथ-साथ कुछ दर्द निवारक और अन्य दवाएं भी लिवर रोग का कारण बन सकती हैं.

डॉ. गुप्ता ने कहा कि 'एसिटामिनोफेन, पेरासिटामोल और नशीले पदार्थों युक्त दर्द निवारक, नींद की गोलियां, उत्तेजक / एडीएचडी दवाएं जैसे राइटलिन, एम्फ़ैटेमिन और कोकीन, मारिजुआना, एक्स्टसी आसानी से लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इंट्रावेनस ड्रग (अंतःशिरा दवाएं) से हेपेटाइटिस बी और सी जैसा संक्रमण बढ़ता है, जिससे पुरानी जिगर की बीमारी और यहां तक ​​​​कि यकृत कैंसर भी हो सकता है. विशेषज्ञों ने दूषित सुइयों के उपयोग से बचने, रक्त के संपर्क में आने पर उचित चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने, व्यक्तिगत स्वच्छता वस्तुओं को साझा न करने, सुरक्षित यौन संबंध बनाने, हाथ धोने, सभी दवाओं के निर्देशों का पालन करने और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि टीकाकरण करने का भी सुझाव दिया.

नई दिल्ली : लिवर हमारे शरीर के पाचन तंत्र में अहम भूमिका निभाता है. उचित पाचन के साथ ही यह विषाक्त पदार्थों को हटाने और पोषक तत्वों के भंडारण में मदद करता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंग स्वास्थ्य को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में इसे नुकसान न हो, इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली महत्वपूर्ण है. मुंबई के परेल स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और क्लिनिकल लीड - एडल्ट हेपेटोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट के डॉ. अमित मंडोट (Dr Ameet Mandot) का कहना है कि 'स्वस्थ लिवर लंबे जीवन की कुंजी है. जीवनशैली में थोड़े से बदलाव के साथ आप लिवर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं.'

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक दीपक का कहना है कि 'यकृत (लिवर) के स्वास्थ्य को बनाए रखना काफी आवश्यक है क्योंकि यह कई कार्य करता है. मानव पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आप जो कुछ भी खाते या पीते हैं वह यकृत से होकर गुजरता है. आप यकृत के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं. यह ऐसा अंग है जो अच्छी देखभाल न करने से आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकता है.'

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने समझाया कि खराब जीवनशैली, उचित आहार न लेने, शारीरिक गतिविधि की कमी, वजन बढ़ने से मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड और असामान्य कोलेस्ट्रॉल के स्तर जैसी स्थितियां बन सकती हैं. ये सभी गैर-मादक वसायुक्त यकृत रोग (एनएएफएलडी) के प्रमुख जोखिम कारक हैं, जो बाद में यकृत सिरोसिस में तब्दील हो जाता है. यहां तक कि यकृत स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है.

डॉ. अमित मंडोट ने सुझाव दिया कि नियमित स्वस्थ आहार लेने से वजन बढ़ने की समस्या से निजात मिल सकती है. मंडोट ने कहा, 'वसायुक्त खाद्य पदार्थों से बचें, नियमित रूप से व्यायाम करें, जिम्मेदारी से और संयम से शराब का सेवन करें, धूम्रपान कम करें या बंद करें, अवैध दवाओं के उपयोग से बचें.' वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल मुलुंड के लिवर ट्रांसप्लांट और एचपीबी सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट और चीफ सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता के अनुसार, पर्याप्त पानी न पीने, तनाव लेने के साथ-साथ कुछ दर्द निवारक और अन्य दवाएं भी लिवर रोग का कारण बन सकती हैं.

डॉ. गुप्ता ने कहा कि 'एसिटामिनोफेन, पेरासिटामोल और नशीले पदार्थों युक्त दर्द निवारक, नींद की गोलियां, उत्तेजक / एडीएचडी दवाएं जैसे राइटलिन, एम्फ़ैटेमिन और कोकीन, मारिजुआना, एक्स्टसी आसानी से लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इंट्रावेनस ड्रग (अंतःशिरा दवाएं) से हेपेटाइटिस बी और सी जैसा संक्रमण बढ़ता है, जिससे पुरानी जिगर की बीमारी और यहां तक ​​​​कि यकृत कैंसर भी हो सकता है. विशेषज्ञों ने दूषित सुइयों के उपयोग से बचने, रक्त के संपर्क में आने पर उचित चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने, व्यक्तिगत स्वच्छता वस्तुओं को साझा न करने, सुरक्षित यौन संबंध बनाने, हाथ धोने, सभी दवाओं के निर्देशों का पालन करने और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि टीकाकरण करने का भी सुझाव दिया.

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(IANS)

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