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Raipur Congress national convention: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन कितना अहम

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के मुताबिक ''राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के अनुभवों का असर कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में देखने को मिलेगा.'' कांग्रेस का 85वां अधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक रायपुर में होगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत देशभर के 15 हजार से ज्यादा कांग्रेस नेता शामिल होंगे.

Raipur Congress national convention
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन कितना अहम
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Published : Feb 2, 2023, 10:04 PM IST

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन कितना अहम

रायपुर: हाल ही में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा संपन्न की है. राहुल गांधी ने खुद इस यात्रा को अपने जीवन का सबसे सुंदर और गहरा अनुभव बताया है. अब राहुल गांधी की अहम यात्रा के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ में हो रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बताया, ''राहुल गांधी लोगों से मिले और फीडबैक लिया. इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा. राहुल गांधी देश की ज्वलंत समस्याओं के साथ साथ बेरोजगारी, महंगाई और अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को हमेशा सचेत करते रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी इन मुद्दों पर चर्चा संभव है.''

क्या कहते हैं जानकार: कांग्रेस अधिवेशन में 6 अहम विषयों पर मंथन होना है. पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, इंटरनेशनल अफेयर, किसान और कृषि, सामाजिक न्याय, यूथ एजुकेशन और रोजगार के मुद्दों पर कांग्रेस सियासी रणनीति तय करेगी. वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि ''राहुल गांधी निश्चित तौर पर उन समस्याओं की चर्चा करेंगे, जिनसे दूसरे प्रदेशों में रूबरू हुए हैं. जिन जगहों पर कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है, वहां कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जाए? इस मसले पर भी चर्चा कर सकते हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा के मुताबिक ''कांग्रेसी नेताओं में आपस में विरोध है जैसे छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव, मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और राजस्थान में गहलोत व सचिन पायलट के बीच विवाद है, इस तरह की स्थिति से कैसे निपटा जाए? विपक्ष को एकजुट कैसे किया जाए? 2024 में क्या विपक्ष सामूहिक रूप से चुनाव लड़ेगा, उसकी रणनीति भी इस कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में तैयार की जा सकती है.''

भाजपा की अपनी अलग दलील: वहीं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का कहना है कि ''कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता विभिन्न प्रदेशों में जाते हैं, वहां अपनी पार्टी का बेड़ा गर्क करते हैं. छत्तीसगढ़ आकर भी वैसा ही कुछ करेंगे. कांग्रेस को फायदा नहीं होगा, बल्कि नुकसान होना तय है.''

ये भी पढ़ें- भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष कांग्रेस की भूपेश सरकार पर बरसे
अधिवेशन की खास तैयारी : नवा रायपुर के मेला मैदान में अधिवेशन होगा. 5 से 6 हजार पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. वरिष्ठ पदाधिकारियों के रूकने के लिए बड़े होटल बुक किए जा चुके हैं. 16 समिति बनाकर काम बांटने की व्यवस्था की गई है. कुछ समितियों का जिम्मा संभावित मंत्रियों में बांट भी दिया है. हर कमेटी में एक मंत्री और एक संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी को रखा गया है.अधिवेशन के आयोजन के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन कितना अहम

रायपुर: हाल ही में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा संपन्न की है. राहुल गांधी ने खुद इस यात्रा को अपने जीवन का सबसे सुंदर और गहरा अनुभव बताया है. अब राहुल गांधी की अहम यात्रा के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ में हो रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बताया, ''राहुल गांधी लोगों से मिले और फीडबैक लिया. इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा. राहुल गांधी देश की ज्वलंत समस्याओं के साथ साथ बेरोजगारी, महंगाई और अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को हमेशा सचेत करते रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी इन मुद्दों पर चर्चा संभव है.''

क्या कहते हैं जानकार: कांग्रेस अधिवेशन में 6 अहम विषयों पर मंथन होना है. पॉलिटिकल, इकोनॉमिक, इंटरनेशनल अफेयर, किसान और कृषि, सामाजिक न्याय, यूथ एजुकेशन और रोजगार के मुद्दों पर कांग्रेस सियासी रणनीति तय करेगी. वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि ''राहुल गांधी निश्चित तौर पर उन समस्याओं की चर्चा करेंगे, जिनसे दूसरे प्रदेशों में रूबरू हुए हैं. जिन जगहों पर कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है, वहां कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जाए? इस मसले पर भी चर्चा कर सकते हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा के मुताबिक ''कांग्रेसी नेताओं में आपस में विरोध है जैसे छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव, मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और राजस्थान में गहलोत व सचिन पायलट के बीच विवाद है, इस तरह की स्थिति से कैसे निपटा जाए? विपक्ष को एकजुट कैसे किया जाए? 2024 में क्या विपक्ष सामूहिक रूप से चुनाव लड़ेगा, उसकी रणनीति भी इस कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में तैयार की जा सकती है.''

भाजपा की अपनी अलग दलील: वहीं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का कहना है कि ''कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता विभिन्न प्रदेशों में जाते हैं, वहां अपनी पार्टी का बेड़ा गर्क करते हैं. छत्तीसगढ़ आकर भी वैसा ही कुछ करेंगे. कांग्रेस को फायदा नहीं होगा, बल्कि नुकसान होना तय है.''

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अधिवेशन की खास तैयारी : नवा रायपुर के मेला मैदान में अधिवेशन होगा. 5 से 6 हजार पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. वरिष्ठ पदाधिकारियों के रूकने के लिए बड़े होटल बुक किए जा चुके हैं. 16 समिति बनाकर काम बांटने की व्यवस्था की गई है. कुछ समितियों का जिम्मा संभावित मंत्रियों में बांट भी दिया है. हर कमेटी में एक मंत्री और एक संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी को रखा गया है.अधिवेशन के आयोजन के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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