नई दिल्ली : देश के शीर्ष सात शहरों में घरों की बिक्री 2021 में इससे पिछले साल की तुलना में 71 फीसदी बढ़कर 2,36,530 इकाई हो गई. हालांकि, घरों की मांग अब भी कोविड-पूर्व के स्तर से 10 फीसदी कम है. संपत्ति संबंधी परामर्श देने वाली कंपनी एनारॉक ने यह जानकारी दी.
इसके मुताबिक, वर्ष 2020 में 1,38,350 आवासीय इकाइयां बिकीं थीं और 2019 में कुल 2,61,358 इकाइयों की बिक्री हुई थी. मुंबई स्थित कंपनी एनारॉक ने बताया कि गृह ऋण पर निचली ब्याज दरों, मजबूत मांग, घर के स्वामित्व की आकांक्षा में वृद्धि और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों द्वारा स्टाम्प शुल्क में कटौती के साथ बिल्डरों द्वारा दी जा रही छूट के कारण आवास बिक्री में वृद्धि हो रही है.
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, 'कोरोना वायरस महामारी काबू में रहती है, तो 2021 के प्रदर्शन के आधार पर कहा जा सकता है कि 2022 में वृद्धि संतोषजनक रहेगी.' त्योहारों के मद्देनजर बढ़ी मांग और अन्य सकारात्मक कारकों के कारण, पिछले वर्ष के दौरान कुल बिक्री में चौथी तिमाही का लगभग 39 फीसदी का योगदान रहा.
एनारॉक के वार्षिक आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई महानगर क्षेत्र में आवासीय बिक्री 2021 में 72 फीसदी बढ़कर 76,400 इकाई रहीं, जो इससे पिछले वर्ष में 44,320 इकाई रही थी. हैदराबाद में पिछले वर्ष घरों की बिक्री तीन गुना बढ़कर 25,410 इकाई रही. 2020 में यह आंकड़ा 8,560 था.
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दिल्ली-एनसीआर में 2021 में 73 फीसदी वृद्धि के साथ 40,050 इकाइयां बिकीं, 2020 में यह आंकड़ा 23,210 इकाई का था. पुणे में 2021 में 53 फीसदी वृद्धि के साथ 35,980 इकाइयां बिकीं. 2020 में यह आंकड़ा 23,460 इकाइयां था. बेंगलुरु में 2021 में 33 प्रतिशत वृद्धि के साथ 33,080 घर बेचे गए. 2020 में 24,910 घर बिके थे. चेन्नई में 2021 में 86 प्रतिशत वृद्धि के साथ 12,530 इकाइयों की बिक्री हुई. 2020 में यह आंकड़ा 6,740 इकाइयों का था. कोलकाता में 2021 में 13,080 इकाइयां बिकीं. 2020 में यह आंकड़ा 7,150 था.
पुरी ने उम्मीद जताई कि 2022 में बिक्री कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा, 'लागत का दबाव और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े मुद्दों के कारण संपत्ति की कीमतों में 5-8 फीसदी की वृद्धि हो सकती है.' नई परियोजनाएं 2019 के कोविड महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं. 2019 में नयी आवासीय इकाइयों की संख्या 2,36,570 रही.
(पीटीआई-भाषा)