पटना: प्रवास के दौरान बाबा बागेश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पटना के जिस प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरे थे, अब होटल प्रबंधन ने उसे खास कमरा बनाकर ब्रांडिंग करने का फैसला लिया है. होटल प्रबंधन ने बाबा के ठहरने के बाद उनसे निकलने वाले आभामंडल से प्रभावित होकर यह फैसला लिया है. होटल मालिक का कहना है कि बाबा के यहां ठहरने के इस सुइट में एक खास ऊर्जा का संचार हुआ है.
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पटना में कहां ठहरे थे पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री?: अपने पटना प्रवास के दौरान बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जिस प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरे थे वो पटना के गांधी मैदान के किनारे अवस्थित है.बाबा के ठहरने से पहले उनके अनुयायियों ने आकर इस सुइट को देखा था. उसके बाद वीडियो कॉल के जरीये बाबा को दिखाया गया था. बाबा बागेश्वर की रजामंदी के बाद आयोजन समिति ने इस सुइट को फाइनल किया था. यह होटल पनाश के छठी मंजिल पर अवस्थित है और होटल का यह खास कमरा है. वहीं होटल प्रबंधक अतुल कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बागेश्वर बाबा के यहां ठहरने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है.
"बागेश्वर बाबा का पनाश होटल में रुकना हमारे लिए इतिहास बन गया है. कथा पूजा के पास बाबा सुइट में आराम करते थे. होटल के बाहर का दृश्य बाबा को काफी लुभाता था. इस कमरे का आध्यात्मिक महत्व बढ़ गया है. यहां पॉजिटिव एनर्जी का आभास होने लगा है. हम इस कमरे की ब्रांडिंग करेंगे."- अतुल कुमार, प्रबंधक, होटल पनाश
बाबा बागेश्वर ने सुइट को बनाया खास: बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस सुइट को अपने पांच दिवसीय प्रवास के दौरान खास बना दिया. सुबह उठते ही होटल से ही मां गंगा को प्रणाम कर अपनी दिनचर्या शुरू करने वाले बाबा ने भी इस कमरे को अध्यात्मिक दृष्टिकोण से सही माना. क्योंकि यहां से नंगी आंखों से मां गंगा का दर्शन होता है. कमरे में ही पूजा पाठ और ध्यान के साथ साथ प्रतिदिन मंत्रों से कमरे का शुद्धिकरण कर होटल प्रबंधन का ध्यान खींच लिया.
इस सुइट के विजिटर रूम में लगता था बाबा का आसन: बाबा बागेश्वर प्रतिदिन विजिटर रूम में अपना आसन लगाते थे और वहां अपनी फरियाद लेकर आये लोगों की समस्याएं सुनकर उपाय बताते थे. इस विजिटर रूम में पांच दिनों के प्रवास के दौरान कई आम और खास लोग पहुंचे और अपनी समस्याओं से बाबा को अवगत कराया. आसन लगाने के पहले विजिटर रूम को मंत्रों से शुद्ध किया जाता था और बाबा बागेश्वर को निमंत्रण देकर उन्हें बुलाया जाता था. विजिटर रूम बाबा के जाने से पहले और आने के बाद एक खास आध्यात्मिक महत्व का केन्द्र बना रहता था.
प्रतिदिन पांच से छह घंटे सोते थे बाबा: बाबा के बार कई तरह की अफवाह फैली कि वो प्रतिदिन से दो घंटे ही सोते हैं. होटल प्रबंधक और बाबा के सेवा में लगे अतुल की मानें तो वो प्रतिदिन छह घंटे की गहरी नींद लेते थे लेकिन हर समय वो मंत्रोच्चार करते रहते थे. ये सही है कि बाबा हर समय हनुमान जी में खोये रहते हैं और हर पल उनके दिल दिमाग में बागेश्वर धाम के प्रति आसक्ति का भाव होता है.
अनुभूतियों के आधार पर खास बना बाबा का यह कमरा: बाबा बागेश्वर ने अपने पांच दिनों के प्रवास के दौरान अपने कमरे में इतनी आध्यात्मिक शक्ति का प्रभाव छोड़ा कि होटल प्रबंधन ने इस कमरे को खास बना दिया. प्रबंधन ने अब इस सुइट को ब्रांडिंग करने का फैसला लिया है. अब इस कमरे के आध्यात्मिक महत्व बताकर इसका बॉन्डिंग करेगा.
बाबा बागेश्वर से जुड़ी हर वस्तु की बढ़ जाती है महत्ता: बिहार में बाबा बागेश्वर के प्रति आस्था सर चढ़कर बोल रहा था.हर किसी की कोशिश रही कि बाबा के चरण स्पर्श करने का मौका मिले जो बाबा को चरण छूकर आशीर्वाद नहीं ले पाता था वो उनकी गाड़ी और आसन के सामने खुद को नत मस्तक करता था. ऐसे में जिस होटल में बाला ठहरे थे,उसके प्रबंधन को बाबा का पांच दिनों के अध्यात्मिक प्रभाव प्राप्त हुआ है. इस कमरे में कई नामी गिरामी हस्ती ठहरे हैं लेकिन होटल प्रबंधन ने कभी नहीं कहा कि यह कमरा खास हो गया. बाबा बागेश्वर के ठहरने के बाद प्रबंधन को जो महसूस हुआ उसके आधार पर अब इस कमरे की ब्रांडिंग की तैयारी है.