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मणिपुर हिंसा को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने शुरू की बैकचैनल वार्ता, दिख रहा सकारात्मक परिणाम

मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने के प्रयास लगातार हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई परिणाम नहीं दिख रहा है. ऐसे में अब गृह मंत्रालय ने बैकचैनल से बातचीत शुरू कर दी है, जिसके परिणाम सामने आने लगे हैं.

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Published : Jul 5, 2023, 10:00 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 10:22 PM IST

violence in manipur
मणिपुर में हिंसा के बीच राहत

नयी दिल्ली: मणिपुर में सामान्य स्थिति लाने के कई प्रयासों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई एक बैकचैनल वार्ता के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए केंद्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को मणिपुर के विभिन्न जातीय समूहों के साथ बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया है.

तदनुसार, 30 जून को भाजपा के कई शीर्ष पदाधिकारियों ने असम के काजीरंगा में कुकी-ज़ो नागरिक समाज संगठनों और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन-24 कुकी विद्रोही समूहों के समूह के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने दिल्ली में ईटीवी भारत को बताया कि बैठक के परिणामस्वरूप, कुकी समूहों ने एनएच 2 से नाकाबंदी वापस ले ली है.

दोनों समुदायों के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए भाजपा पदाधिकारी मैतेई समूहों से भी मिलेंगे. सूत्रों ने कहा कि जैसा कि हमें कुकी समूहों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, हम राज्य के मैतेई समुदाय से भी इसी तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं. गृह मंत्रालय ने यह पहल तब की जब संघर्षग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति लाने के उसके कई प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला.

मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में सरकार द्वारा नियुक्त शांति समिति भी कोई सकारात्मक बदलाव लाने में विफल रही, क्योंकि इसके कई सदस्यों ने शांति समिति से अपना नाम वापस ले लिया. हालांकि, गृह मंत्रालय ने इस तथ्य के बाद चिंता व्यक्त की है कि पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए कुल 5,000 हथियारों में से केवल 2,000 ही बरामद किए गए हैं. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद से मणिपुर पुलिस लूटे गए, हथियारों को बरामद करने की कोशिश कर रही है.

गौरतलब है कि लगभग 63 दिनों की जातीय हिंसा के बाद, मणिपुर के स्कूलों ने बुधवार से पहली से आठवीं कक्षा तक की सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू कर दी हैं. मणिपुर मामलों पर कड़ी नजर रखने वाले गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाता को बताया कि कक्षाएं फिर से शुरू होने के पहले दिन स्कूलों के निरीक्षण के दौरान, छात्रों ने अपनी खुशी व्यक्त की. अधिकारी ने कहा कि कक्षा I से VIII के लिए सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू होने के बाद, 4617 स्कूलों में से 96 स्कूल राहत उपायों के कारण नहीं खोले जा सके.

राज्य में हाल की हिंसा से विस्थापित छात्रों को नजदीकी संभावित स्कूलों में मुफ्त प्रवेश की अनुमति है. अधिकारी ने कहा कि शिक्षा विभाग (एस) और समग्र शिक्षा, मणिपुर ने पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में राहत शिविरों में रहने वाले विस्थापित बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकें, अभ्यास पुस्तकें, पेन, पेंसिल, खेल सामग्री और स्कूल वर्दी वितरित की है. अधिकारी ने कहा कि आज निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि विभिन्न स्कूलों में सबसे अधिक उपस्थिति राहत शिविरों से विस्थापित छात्रों की थी.

नयी दिल्ली: मणिपुर में सामान्य स्थिति लाने के कई प्रयासों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई एक बैकचैनल वार्ता के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए केंद्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को मणिपुर के विभिन्न जातीय समूहों के साथ बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया है.

तदनुसार, 30 जून को भाजपा के कई शीर्ष पदाधिकारियों ने असम के काजीरंगा में कुकी-ज़ो नागरिक समाज संगठनों और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन-24 कुकी विद्रोही समूहों के समूह के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने दिल्ली में ईटीवी भारत को बताया कि बैठक के परिणामस्वरूप, कुकी समूहों ने एनएच 2 से नाकाबंदी वापस ले ली है.

दोनों समुदायों के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए भाजपा पदाधिकारी मैतेई समूहों से भी मिलेंगे. सूत्रों ने कहा कि जैसा कि हमें कुकी समूहों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, हम राज्य के मैतेई समुदाय से भी इसी तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं. गृह मंत्रालय ने यह पहल तब की जब संघर्षग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति लाने के उसके कई प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला.

मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में सरकार द्वारा नियुक्त शांति समिति भी कोई सकारात्मक बदलाव लाने में विफल रही, क्योंकि इसके कई सदस्यों ने शांति समिति से अपना नाम वापस ले लिया. हालांकि, गृह मंत्रालय ने इस तथ्य के बाद चिंता व्यक्त की है कि पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए कुल 5,000 हथियारों में से केवल 2,000 ही बरामद किए गए हैं. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद से मणिपुर पुलिस लूटे गए, हथियारों को बरामद करने की कोशिश कर रही है.

गौरतलब है कि लगभग 63 दिनों की जातीय हिंसा के बाद, मणिपुर के स्कूलों ने बुधवार से पहली से आठवीं कक्षा तक की सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू कर दी हैं. मणिपुर मामलों पर कड़ी नजर रखने वाले गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाता को बताया कि कक्षाएं फिर से शुरू होने के पहले दिन स्कूलों के निरीक्षण के दौरान, छात्रों ने अपनी खुशी व्यक्त की. अधिकारी ने कहा कि कक्षा I से VIII के लिए सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू होने के बाद, 4617 स्कूलों में से 96 स्कूल राहत उपायों के कारण नहीं खोले जा सके.

राज्य में हाल की हिंसा से विस्थापित छात्रों को नजदीकी संभावित स्कूलों में मुफ्त प्रवेश की अनुमति है. अधिकारी ने कहा कि शिक्षा विभाग (एस) और समग्र शिक्षा, मणिपुर ने पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में राहत शिविरों में रहने वाले विस्थापित बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकें, अभ्यास पुस्तकें, पेन, पेंसिल, खेल सामग्री और स्कूल वर्दी वितरित की है. अधिकारी ने कहा कि आज निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि विभिन्न स्कूलों में सबसे अधिक उपस्थिति राहत शिविरों से विस्थापित छात्रों की थी.

Last Updated : Jul 5, 2023, 10:22 PM IST
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