पुणे : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को 'पंचर पहिये वाली रिक्शा' बताया (shah says mva govt puncture rickshaw) जिसके पहिये तीन अलग-अलग दिशाओं में जा रहे हैं और इससे केवल प्रदूषण हो रहा है. शाह ने पुणे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस को एक 'डीलर', शिवसेना को एक 'ब्रोकर' करार दिया और कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 'तबादलों' से जुड़ी है.
इससे पहले, भाजपा ने आरोप लगाया था कि राज्य के एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने अगस्त 2020 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादलों के एक रैकेट का पर्दाफाश किया था. रविवार को शाह ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौता किया और भाजपा को धोखा दिया.
कांग्रेस-शिवसेना- डीलर ब्रोकर
मोदी सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के संक्षिप्त रूप 'डीबीटी' का इस्तेमाल करते हुए शाह ने कहा कि एमवीए सरकार में कांग्रेस के लिए 'डी' डीलर, शिवसेना के लिए 'बी' ब्रोकर और राकांपा के लिए 'टी' स्थानांतरण है.
शाह ने मुंबई सहित नगर निकाय चुनावों के लिए चुनावी बिगुल फूंका जो अगले साल होने वाले हैं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से मतदाताओं तक पहुंच बनाने और उन्हें एमवीए के भ्रष्टाचार एवं अन्य अनियमितताओं के बारे में समझाने की अपील की.
शुरू होगा एमवीए का पतन
शाह ने कहा, 'शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व के साथ समझौता किया. दो पीढ़ियों (शिवसेना की) ने एक पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अब वे उसी पार्टी के साथ सत्ता साझा कर रहे हैं. शिवसेना ने सिर्फ सत्ता के लिए भाजपा को धोखा दिया है.' उन्होंने कहा कि एमवीए का पतन पुणे नगर निगम चुनावों के साथ शुरू होगा.
एमवीए सरकार रिक्शा
उन्होंने कहा, 'पहले मैंने एक बयान दिया था कि एमवीए एक तिपहिया रिक्शा है जिसके पहिये अलग-अलग दिशाओं में जा रहे हैं. अब, मैं उस बयान को संशोधित करता हूं. एमवीए एक तिपहिया रिक्शा है जिसके पहिये तीन अलग-अलग दिशाओं में जा रहे हैं. ये सभी तीन पहिये पंचर हैं. यह रिक्शा प्रदूषण कर रहा है.'
उन्होंने सवाल किया कि महाराष्ट्र प्रत्यक्ष नकद अंतरण चाहिए या वह 'डीलर-ब्रोकर-ट्रांसफर' चाहता है? शाह ने कहा, 'हर घर जाएं और प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पहुंचायें.' उन्होंने एमवीए को भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी.
उन्होंने कहा, 'पदों से इस्तीफा दें और चुनाव लड़ें. आइए चुनाव लड़ें और उन तीनों पार्टियों को एक साथ खड़े होने दें. हमारे भाजपा कार्यकर्ता तैयार हैं. महाराष्ट्र के लोग भी अब तक (एमवीए द्वारा) किए गए कार्यों का आकलन करने के लिए तैयार हैं.' उन्होंने ईंधन की कीमतें कम नहीं करने के लिए भी एमवीए की आलोचना की.
शाह ने कहा, 'वे मुद्रास्फीति के बारे में बात करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कीमतें कम कीं लेकिन उन्होंने (एमवीए) ऐसा नहीं किया. मुझे लगता है कि एमवीए में कुछ सुनने की दिक्कत है. मोदीजी ने ईंधन की कीमतें कम कीं और राज्यों से भी दरें कमी करने की अपील की. भाजपा के नेतृत्व वाले राज्यों ने ईंधन की कीमतों में कटौती की लेकिन एमवीए ने शराब की कीमतें कम की. महाराष्ट्र के लोग सस्ती शराब नहीं बल्कि ईंधन चाहते हैं.'
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बता दें कि महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भाजपा से अलग हो गई थी और सरकार बनाने के लिए उसने शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था.
(पीटीआई-भाषा)