पेद्दापल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को तेलंगाना में विपक्षी दलों की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को वोट देने का मतलब भारत राष्ट्र समिति को वोट देना है. अमित शाह ने तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले में रोड शो किया और मतदाताओं से राज्य में आगामी चुनाव में बीजेपी को जिताने के लिए कहा.
अमित शाह ने कहा कि 'कांग्रेस और ओवैसी को वोट देने का मतलब बीआरएस को वोट देना है. यदि आप उन्हें वोट देते हैं, तो आपका वोट स्वचालित रूप से केसीआर को जाएगा. मोदी जी ने निर्णय लिया है कि हर महिला को 4 गैस सिलेंडर मुफ्त दिये जायेंगे. बीजेपी ने तय किया है कि हमारी सरकार सभी किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर चावल खरीदेगी.'
उन्होंने आगे कहा कि अगर बीजेपी तेलंगाना में सत्ता में आई तो वह हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद विमोचन दिवस मनाएगी. शाह ने कहा कि 'ओवैसी के कारण केसीआर हैदराबाद विमोचन दिवस (कल्याण-कर्नाटक मुक्ति दिवस) नहीं मनाते हैं. हमने तय किया है कि हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस होगा, जब भाजपा सरकार बनाएगी. मोदी जी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला का अभिषेक करने जा रहे हैं.'
उन्होंने लोगों से सवाल किया कि 'क्या आप सभी अयोध्या जाना चाहते हैं? बीजेपी की सरकार बनाओ और हम सभी को मुफ्त में राम लला के दर्शन कराएंगे.' उन्होंने कहा कि 'केसीआर की भ्रष्ट सरकार को बदलें और भाजपा सरकार बनाएं और हम भ्रष्टाचार में शामिल सभी लोगों को जेल में डाल देंगे.' इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तेलंगाना में मौजूदा मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा बार-बार उठाया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी पार्टी के चुनाव जीतने पर इसे खत्म करने की घोषणा की.
वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शाह के इस वादे का जवाब देते हुए कहा कि 'भाजपा झूठ बोल रही है, क्योंकि राज्य में आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जाता है. एक साक्षात्कार में, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि मुसलमानों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर अनुभवजन्य डेटा है, जो दिवंगत पीएस कृष्णन की रिपोर्ट के बाद दिया गया है.
औवेसी ने कहा कि 'भाजपा झूठ बोल रही है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को दिया जा रहा आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं है.' सबसे पहले, मुसलमानों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर अनुभवजन्य डेटा है. दूसरे, दिवंगत पीएस कृष्णन ने एक रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया था, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम समुदाय में कुछ पिछड़े वर्ग हैं और उन्हें यह (आरक्षण) मिलना चाहिए, न कि ऊंची जाति के मुसलमानों को. तीसरा, हर मुसलमान को यह नहीं मिल रहा है.'
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा चुनाव 30 नवंबर को एक ही चरण में होने हैं. राज्य सत्तारूढ़ बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के लिए तैयार है. चार अन्य राज्यों के साथ वोटों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी.