अररिया : बिहार के अररिया में गृह मंत्री अमित शाह ने SSB के आवासीय भवन के उद्घाटन के दौरान बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार में जल्द ही चुनाव होने वाला है और बिहार में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने वाली है. इस बयान के सामने आने के बाद सियासी मायने निकाले जाने लगे. अभी तक चिराग पासवान ही मध्यावधि चुनाव की बात करते रहे हैं, लेकिन इस बार खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा कर सियासी पंडितों को भी हैरत में डाल दिया.
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'बिहार में होने वाला है चुनाव' : बता दें कि जोगबनी में अमित शाह एसएसबी के जवानों और अधिकारियों के लिए बनाए गए आवास का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने ये दावा किया कि वो बिहार की सीमा की सभी दिक्कतों से वाकिफ हैं. बिहार में जल्द ही चुनाव होगा और घुसपैठ, भूमि कब्जाने, अवैध व्यापार का खात्मा करेंगे. क्योंकि बिहार में जल्द ही चुनाव होंगे और बीजेपी की सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनेगी.
''मैं बिहार की सीमा की सारी दिक्कतों (घुसपैठ, भूमि कब्जाने, अवैध व्यापार) से परिचित हूं. मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि बिहार में जल्द ही चुनाव होगा और मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार यहां बनेगी.'': अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
पाला बदलेंगे नीतीश या कोई और पॉलिटिकल गेम ? : सवाल इस बात का है कि किस आधार पर देश के गृह मंत्री कह रहे हैं कि बिहार में जल्द ही चुनाव होंगे? जब से महागठबंधन की सरकार बनी है कभी भी अमित शाह ने मध्यावधि चुनाव के बारे में कभी चर्चा नहीं की. लेकिन G-20 में पीएम मोदी से नीतीश की मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं के सुर बदले नजर आ रहे हैं. जो तेवर लालू पर हमले के दौरान दिखे वो जोश नीतीश पर आते-आते 'संयुक्त' रूप अख्तियार कर लेता है. यानी 'लालू-नीतीश' हो जाते हैं. कहीं न कहीं बीजेपी नीतीश को लेकर सॉफ्ट कॉर्नर दिखा रही है.
शाह का वन नेशन वन इलेक्शन की ओर इशारा तो नहीं : वैसे भी चर्चा 'वन नेशन वन इलेक्शन' की देश में चल रही है. 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. तो क्या अमित शाह का इशारा कहीं इस ओर तो नहीं है कि इस बार का चुनाव लोकसभा इलेक्शन के साथ ही कराया जाय. अगर ऐसा है, तो लोकसभा और विधानसभा की तैयारी में बीजेपी वर्कआउट करती हुई दिखाई भी दे रही है. लेकिन महागठबंधन और इंडिया अलायंस अभी कई मुद्दों पर सहमति बना रहे हैं.
बिल को मंजूरी मिलते ही एक साथ होंगे चुनाव : अगर वन नेशन वन इलेक्शन के बिल को मंजूरी मिल जाती है तो देश में एक साथ चुनाव होंगे. ऐसे में इंडिया गठबंधन को देश में एक साथ और राज्यों में अलग-अलग चुनाव लड़ने से मतदाता भी कन्फ्यूज होंगे. बहरहाल, आगे का पूरा राजनीतिक सिनेरियो संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही के बाद क्लियर हो जाएगा.