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पेगासस मामले पर बोले शाह, 'रिपोर्ट लीक होने का समय, संसद में अड़ंगा... क्रोनोलॉजी समझिए' - पेगासस जासूसी मामले पर बोले रविशंकर प्रसाद

पेगासस जासूसी मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कल देर शाम हमने एक रिपोर्ट देखी, जिसे विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए कुछ वर्गों द्वारा बढ़ाया गया है. ये सब विध्वंसक साजिशों के माध्यम से भारत के विकास पथ को पटरी से नहीं उतार पाएंगे. उन्होंने कहा कि आप लोग पूरे घटनाक्रम को समझिए.

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Published : Jul 19, 2021, 8:32 PM IST

Updated : Jul 19, 2021, 8:55 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने आज (सोमवार) कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि पेगासस जासूसी मामले से सत्तारूढ़ दल या मोदी सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है.

  • "Late last evening we saw a report which has been amplified by a few sections to humiliate India globally. Disruptors will not be able to derail India’s development trajectory through conspiracies. Monsoon session will bear new fruits," tweets Home Minister Amit Shah

    (file pic) pic.twitter.com/8Nd8hN9393

    — ANI (@ANI) July 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, कल देर शाम हमने एक रिपोर्ट देखी, जिसे विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए कुछ वर्गों द्वारा बढ़ाया गया है. विध्वंसक साजिशों के माध्यम से भारत के विकास पथ को पटरी से नहीं उतार पाएंगे. मानसून सत्र फल देगा.

पेगासस जासूसी मामले में रविशंकर प्रसाद (Pegasus Ravi Shankar Prasad) ने सवाल किया है कि यह संसद से मानसून सत्र से ठीक पहले ही क्यों सामने आया है. उन्होंने कहा है कि एक जज को लेकर कहानी बनाई गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी. रविशंकर प्रसाद ने एमनेस्टी को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एमनेस्टी का भारत विरोधी एजेंडा सार्वजनिक हो चुका है.

उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाए गए राजनीतिक आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस की टिप्पणियों का जोरदार खंडन और निंदा करती है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 50 से अधिक वर्षों तक भारत पर शासन कर चुकी पार्टी के राजनीतिक विमर्श में यह एक नया निचला स्तर है.

पढ़ें- Pegasus Snooping : भाजपा बोली- कांग्रेस के आरोप शर्मनाक, मानसून सत्र से ठीक पहले ही क्यों आई रिपोर्ट ?

उन्होंने सवाल किया, क्या हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं का कई मायनों में भारत विरोधी एजेंडा था? पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब सरकार ने एमनेस्टी से कानून के अनुसार उनकी विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा तो वे भारत से हट गए.

उन्होंने कहा कि पेगासस के बारे में जिन लोगों ने स्टोरी ब्रेक की है, उन्होंने स्वयं यह दावा नहीं किया है कि डेटाबेस में किसी नंबर का होना इस बात की पुष्टि नहीं करता कि यह पेगासस से संक्रमित है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र के सामने सभी तथ्यों को प्रकट करना सबसे महत्वपूर्ण है.

लोक सभा में पेगासस (Lok Sabha Pegasus) पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) के बयान का जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश के आईटी मंत्री ने आज पुष्टि की है कि इलेक्ट्रॉनिक संचार के वैध अवरोधन केवल भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों के तहत प्रासंगिक नियमों के अनुसार किए जा सकते हैं.

गौरतलब है कि पेगासस के जरिये जासूसी का ऐसा मुद्दा आ गया है, जिसने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. इस मुद्दे पर विपक्ष संसद में चर्चा कराने पर अड़ा है. पिछले साल राज्य सभा में 28 नवम्बर, 2019 को दिग्विजय सिंह ने सरकार से पेगासस (Pegasus) के विषय में सवाल पूछे थे. 18 जुलाई को भी उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया और सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाया. खुद बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सरकार को चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि यह समझदारी होगी यदि गृह मंत्री संसद को बताएं कि मोदी सरकार का उस इजरायली कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है जिसने हमारे टेलीफोन टैप और टेप किए हैं. नहीं तो वाटरगेट की तरह सच्चाई सामने आएगी और हलाल के रास्ते बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगी.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने आज (सोमवार) कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि पेगासस जासूसी मामले से सत्तारूढ़ दल या मोदी सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है.

  • "Late last evening we saw a report which has been amplified by a few sections to humiliate India globally. Disruptors will not be able to derail India’s development trajectory through conspiracies. Monsoon session will bear new fruits," tweets Home Minister Amit Shah

    (file pic) pic.twitter.com/8Nd8hN9393

    — ANI (@ANI) July 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, कल देर शाम हमने एक रिपोर्ट देखी, जिसे विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए कुछ वर्गों द्वारा बढ़ाया गया है. विध्वंसक साजिशों के माध्यम से भारत के विकास पथ को पटरी से नहीं उतार पाएंगे. मानसून सत्र फल देगा.

पेगासस जासूसी मामले में रविशंकर प्रसाद (Pegasus Ravi Shankar Prasad) ने सवाल किया है कि यह संसद से मानसून सत्र से ठीक पहले ही क्यों सामने आया है. उन्होंने कहा है कि एक जज को लेकर कहानी बनाई गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी. रविशंकर प्रसाद ने एमनेस्टी को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एमनेस्टी का भारत विरोधी एजेंडा सार्वजनिक हो चुका है.

उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाए गए राजनीतिक आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस की टिप्पणियों का जोरदार खंडन और निंदा करती है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 50 से अधिक वर्षों तक भारत पर शासन कर चुकी पार्टी के राजनीतिक विमर्श में यह एक नया निचला स्तर है.

पढ़ें- Pegasus Snooping : भाजपा बोली- कांग्रेस के आरोप शर्मनाक, मानसून सत्र से ठीक पहले ही क्यों आई रिपोर्ट ?

उन्होंने सवाल किया, क्या हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं का कई मायनों में भारत विरोधी एजेंडा था? पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब सरकार ने एमनेस्टी से कानून के अनुसार उनकी विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा तो वे भारत से हट गए.

उन्होंने कहा कि पेगासस के बारे में जिन लोगों ने स्टोरी ब्रेक की है, उन्होंने स्वयं यह दावा नहीं किया है कि डेटाबेस में किसी नंबर का होना इस बात की पुष्टि नहीं करता कि यह पेगासस से संक्रमित है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र के सामने सभी तथ्यों को प्रकट करना सबसे महत्वपूर्ण है.

लोक सभा में पेगासस (Lok Sabha Pegasus) पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) के बयान का जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश के आईटी मंत्री ने आज पुष्टि की है कि इलेक्ट्रॉनिक संचार के वैध अवरोधन केवल भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों के तहत प्रासंगिक नियमों के अनुसार किए जा सकते हैं.

गौरतलब है कि पेगासस के जरिये जासूसी का ऐसा मुद्दा आ गया है, जिसने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. इस मुद्दे पर विपक्ष संसद में चर्चा कराने पर अड़ा है. पिछले साल राज्य सभा में 28 नवम्बर, 2019 को दिग्विजय सिंह ने सरकार से पेगासस (Pegasus) के विषय में सवाल पूछे थे. 18 जुलाई को भी उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया और सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाया. खुद बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सरकार को चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि यह समझदारी होगी यदि गृह मंत्री संसद को बताएं कि मोदी सरकार का उस इजरायली कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है जिसने हमारे टेलीफोन टैप और टेप किए हैं. नहीं तो वाटरगेट की तरह सच्चाई सामने आएगी और हलाल के रास्ते बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगी.

Last Updated : Jul 19, 2021, 8:55 PM IST
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