पटना : केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद छठी बार बिहार का दौरा करने जा रहे हैं. आज यानी 16 सितंबर को वो झंझारपुर में जनसभा करेंगे तो वहीं अररिया के जोगबनी में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के पास बॉर्डर गाइड फोर्सेज के लिए बनाए गए आवासीय भवन का उद्घाटन भी करेंगे. लेकिन, सबकी नजर झंझारपुर में आयोजित जनसभा पर है.
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बिहार में बीजेपी का वर्कआउट : 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अमित शाह की बिहार पर नजर है. नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद सीमांचल और मिथिलांचल को साधने में लगे हैं. मिथिलांचल में 6 लोकसभा की सीटें जिसमें से चार सीट पर जदयू का कब्जा है. वहीं, बीजेपी के दो सांसद हैं. झंझारपुर भी जदयू के पास है. झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में जनसभा कर अमित शाह मिथिलांचल के 6 लोक सभा सीटों को साधने की कोशिश करेंगे. पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है. भाजपा नेताओं का यहां तक कहना है कि सभी पिछला रिकॉर्ड झंझारपुर में टूट जाएगा.
झंझारपुर में जनसभा करेंगे अमित शाह : अमित शाह झंझारपुर में तो जनसभा करेंगे ही, साथ ही सीमांचल के अररिया में भी एक कार्यक्रम कर रहे हैं. यानी एक साथ मिथिलांचल और सीमांचल को साधने की कोशिश इस बार भी कोशिश हो रही है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह ने पहले 24 सितंबर 2022 को सीमांचल में ही दौरा किया था. सीमांचल के पूर्णिया में बड़ी जनसभा की थी. सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें हैं और विधानसभा की 24 सीटें.
2019 से सबक लेकर 2024 पर फोकस : 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ अररिया लोकसभा सीट पर सफलता पाई थी. जबकि पूर्णिया और कटिहार जदयू के खाते में गई थी जबकि किशनगंज कांग्रेस ने जीता था. बिहार के सीमांचल में लोकसभा चुनाव का आगाज कर अमित शाह ने बंगाल और झारखंड को भी मैसेज देने की कोशिश की थी. इसके अलावा कोसी का इलाका भी पूर्णिया से नजदीक है. कोसी के सहरसा सुपौल और मधेपुरा सीट पर भी बीजेपी की नजर है.
सीमांचल और कोसी क्षेत्र पर बीजेपी की नजर : इसकी वजह ये है कि सीमांचल और कोसी की 7 सीटों में से 6 पर महागठबंधन का अभी कब्जा है. उसमें भी पांच पर जदयू का और एक कांग्रेस के पास है. सीमांचल और कोसी में 37 विधानसभा क्षेत्र आता है, इसमें से केवल 12 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. यानी अधिकांश सीटों पर महागठबंधन का दबदबा है. कोसी इलाके में कुल 15 विधानसभा है जिसमें बीजेपी की केवल पांच सीटों पर कब्जा है.
अमित शाह के दौरों का असर : 25 फरवरी को इसी साल अमित शाह ने वाल्मीकि नगर में जनसभा की. चंपारण की दोनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है. चंपारण में 21 विधानसभा की सीट है, जिसमें से 15 पर भाजपा ने कब्जा जमा रखा है. आरजेडी को तीन, जदयू को दो और माले को एक सीट मिली थी. यानी चंपारण सीट पर भाजपा का दबदबा साफ दिखता है. उसके बाद अमित शाह का इस साल 2 अप्रैल को सासाराम और नवादा में जनसभा होना था. सासाराम में रामनवमी जुलूस के कारण हुए हंगामा के बाद जनसभा रद्द करना पड़ा. लेकिन नवादा में अमित शाह ने बड़ी जनसभा की. नवादा में जनसभा कर अमित शाह ने मगध को साधने की कोशिश की.
ललन सिंह के गढ़ में भी शाह कर चुके हैं जनसभा : अमित शाह 29 जून को लखीसराय जो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का मुंगेर संसदीय क्षेत्र में आता है, बड़ी जनसभा की और मुंगेर जमुई और बेगूसराय लोकसभा सीट को साधने की कोशिश की. बेगूसराय सीट बीजेपी के पास है तो वहीं मुंगेर जदयू के पास और जमुई सीट पर चिराग पासवान का कब्जा है. अब मिथिलांचल की 6 सीटों पर बीजेपी की नजर है और झंझारपुर में जनसभा कर 6 सीटों को साधने की कोशिश होगी.
मिथिलांचल में रिकॉर्ड बनाने का दावा : भाजपा नेताओं का दावा है भीड़ को लेकर अमित शाह का मिथिलांचल में रिकॉर्ड टूट जाएगा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का कहना है कि आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ अमित शाह ने जो काम किया है, बिहार में भी भय मुक्त वातावरण उनके दौरे से बनेगा. भाजपा प्रवक्ता सुमित शशांक का कहना है कि ''अमित शाह की विशाल जनसभा होगी और बिहार से जंगल राज का सफाया होगा.''
''अमित शाह एक बार फिर जुमला बाजी करेंगे जिस प्रकार से पूर्णिया में एयरपोर्ट शुरू कर दिए थे इस बार पोर्ट ना शुरू कर दें.''- अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू
राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर राजेश झा का कहना है कि ''नीतीश कुमार के साथ जब तक बीजेपी सरकार में रही है ऐसे सरकार में बीजेपी का कुछ चल नहीं रहा था. नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद अब बीजेपी चाह रही है कि बिहार में अपने बलबूते पांव जमाना है,लेकिन इतना आसान भी नहीं है. अमित शाह नरेंद्र मोदी के बाद भाजपा के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं. इसलिए उनके आने का असर तो जरूर होगा''
बिहार में शाह का छठा दौरा : बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह के अब तक पांच कार्यक्रम हो चुके हैं, ये झंझारपुर में छठा कार्यक्रम होगा 23 सितंबर 2022 को सीमांचल के पूर्णिया में अमित शाह ने रैली की थी. 25 फरवरी 2023 को पश्चिम चंपारण के लौरिया में रैली कर विधानसभा की 21 सीटों पर निशाना साधा था. 2 अप्रैल 2023 को नवादा और 29 जून को मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में रैली कर ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र में दस्तक देकर कई सीटों पर बीजेपी की छाप छोड़ने की कोशिश की. अब अमित शाह का मिथिलांचल में छठा दौरा होगा.
इन सीटों पर मजबूत कर रही बीजेपी : बीजेपी ने पूरे देश में 160 लोकसभा सीटों पर खुद को कमजोर आंका है. उसी के अनुसार तैयारी भी कर रही है. बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उड़ीसा की 47 सीटों को बीजेपी चुनौती भरा मान रही है. इसमें बिहार की 10 सीट है और झंझारपुर भी उसमें से एक है. सीमांचल की सीटों पर पहले ही बीजेपी के चाणक्य अमित शाह रणनीति बना चुके हैं. पूर्णिया में बड़ी जनसभा कर चुके हैं. नवादा और मुंगेर संसदीय क्षेत्र में भी अमित शाह की जनसभा हो चुकी है. आने वाले दिनों में और भी बची सीटों पर कार्यक्रम होंगे. लेकिन झंझारपुर के माध्यम से बीजेपी मिथिलांचल पर अपनी पकड़ और मजबूत बनाने की कोशिश करेगी. इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत यहां लगा दी है.