ईटानगर : गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. उन्होंने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की. किबिथू चीन से सटा हुआ इलाका है. शाह की इस यात्रा का चीन ने विरोध किया है. चीन ने कहा कि शाह की इस यात्रा से हमारी संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है. शाह उसी इलाके में गए, जिस पर चीन दावा करता रहा है, इसलिए वह बौखला गया है.
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China criticises Indian minister's visit to Arunachal Pradesh https://t.co/kdxiYMRApW pic.twitter.com/l6IGFvTHbU
— Reuters (@Reuters) April 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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शाह ने कहा कि वह आज रात अरुणाचल प्रदेश के गांव में ही रहेंगे. शाह ने यह भी कहा कि आने वाले समय में मोदी सरकार के सभी मंत्री किसी न किसी सीमाई गांवों में जाएंगे और वहां पर एक दिन समय व्यतीत करेंगे. गृह मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की.
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Arunachal Pradesh | Today, we can proudly say that no one can encroach even a tip of a pin’s worth of our land because ITBP and Indian Army are present at our borders: Union Home Minister Amit Shah in Kibithoo pic.twitter.com/rXzVFzLFcL
— ANI (@ANI) April 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सूई भर भी जमीन कोई भी नहीं ले सकता है, क्योंकि हमारे जवान सीमा पर तैनात हैं. उन्होंने कहा कि आज हम पर कोई भी बुरी नजर नहीं डाल सकता है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि जंगनन (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी नाम) चीन का क्षेत्र है. उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में भारतीय अधिकारियों की गतिविधियों से चीन की संप्रभुता का उल्लंघन होता है और यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए अनुकूल नहीं हैं. हम इसका दृढ़ता से विरोध करते हैं.'
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#WATCH | The entire country can sleep peacefully in their homes today because our ITBP jawans & Army is working day & night on our borders. Today, we can proudly say that no one has the power to cast an evil eye on us: Union Home Minister Amit Shah in Kibithoo, Arunachal Pradesh pic.twitter.com/WNJra9iFuq
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क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम- इस प्रोग्राम के जरिए सीमा से सटे सभी गांवों का विकास किया जा रहा है. सरकार ने इसके लिए 4800 करोड़ रु. का बजट निर्धारित किया है. इसे 2022-23 से लेकर 2025-26 तक खर्च किया जाना है. यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा संचालित है. केंद्र सरकार ने कुल 19 जिलों की पहचान की है. ये जिले अलग-अलग राज्यों में हैं. ये सभी इलाके अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख के हैं. कुल 2967 गांवों को विकसित किया जाना है. इसके पहले चरण का उद्घाटन आज गृह मंत्री ने किया. इस चरण में 662 गांवों में काम किया जाना है. इनमें से 455 गांव अरुणाचल प्रदेश से हैं. इन गांवों में बेहतर सड़कें बनेंगी, बिजली की व्यवस्था होगी, मोबाइल टावर लगेगा, इंटरनेट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, स्वास्थ्य सेंटर बनेंगे. इसके अलावा और भी कुछ काम होंगे, जिससे कि वहां के लोगों को पलायन करने की जरूरत नहीं होगी.
पिछले सप्ताह चीन ने एक लिस्ट जारी की थी. जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नामों की भी सूची जारी की थी. चीन दावा करता है कि यह उसका इलाका है. भारत ने कहा कि इससे यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा. भारत ने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा बना रहेगा. चीन ने 2015 में भी 15 इलाकों का अपने हिसाब से नामकरण कर दिया था. 2017 में दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश गए थे. उसके बाद चीन ने नामों को बदलने का सिलिसिला शुरू किया था. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत मानता है. भारत हमेशा से ही उसके दावों को इनकार करता रहा है. भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है. दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर बड़ी संख्या में मौजूद है. इस परिप्रेक्ष्य में देखें, तो शाह की इस यात्रा के कई संदेश हैं.
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