जयपुर. राजधानी जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार को 58वीं डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस का आगाज हुआ. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसका उद्घाटन किया. इस कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस मुखिया और सुरक्षा बलों के मुखिया शामिल हुए. वहीं, देश के अलग-अलग राज्यों के 500 से ज्यादा पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम से जुड़े.
इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में साल 2023 में देश ने प्रवेश किया है. इस खास मौके पर देश को नई शिक्षा नीति और तीन नए अपराध कानूनों का तोहफा मिला है. गृह मंत्री अमित शाह ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल दिए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों को ट्रॉफी प्रदान की.
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नए अपराध कानून में सजा की बजाए न्याय पर जोर: गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों के उन जवानों को श्रद्धांजलि दी जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए देश के लिए शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा कि साल 2023 में देश ने अमृतकाल में प्रवेश किया है. देश में दो अहम विकास हुए हैं. पहला नई शिक्षा नीति और तीन नए आपराधिक कानून, जिन्होंने अंग्रेजों के कानून की जगह ली. नए आपराधिक कानून में सजा की बजाए न्याय प्रदान करने पर जोर दिया गया है.
आधुनिक और वैज्ञानिक होगी न्याय प्रणाली: अमित शाह ने कहा कि यह नए अपराध कानून लागू होने से आपराधिक न्याय प्रणाली आधुनिक और वैज्ञानिक होगी. उन्होंने नए कानून लागू करने के लिए थानाधिकारी से लेकर डीजीपी तक की ट्रेनिंग और थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय तक तकनीक को अपग्रेड की आवश्यकता बताई. सुरक्षा की आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने डाटाबेस को लिंक करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित विश्लेषण को अपनाने पर भी बल दिया.
जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और उग्रवाद वाले इलाके हॉट स्पॉट: साल 2014 के बाद देश में आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में हुए अहम बदलावों के जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस लिहाज से जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र हॉट स्पॉट हैं. उन्होंने कहा कि यह डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस पिछले कुछ सालों में एक थिंक टैंक में तब्दील हो रही है, जिससे नए सुरक्षा उपायों की रणनीति बनाने में अहम मदद मिल रही है.
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा: देशभर में आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उन्होंने पुलिस के संगठनात्मक ढांचे, आकार और कौशल की एकरूपता पर बल दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को 2047 तक देश को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की संकल्पना को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा को अहम बताया. इस कॉन्फ्रेंस के विभिन्न सत्रों में आज सुरक्षा संबंधी मुद्दों के साथ ही सीमा पर सुरक्षा, साइबर अपराध, कट्टरपंथ, धोखे से पहचान पत्र हासिल करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पैदा होने वाले खतरों के बारे में चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने इन विषयों पर अपने विचार रखे.