ETV Bharat / bharat

‘व्यापार विकृत करने के तरीकों’ के लिए भारत को डब्ल्यूटीओ में जिम्मेदार ठहराएं बाइडन: अमेरिकी सांसद - President Joe Biden

अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया है कि वह 'व्यापार को विकृत करने वाले भारत के खतरनाक तरीकों' को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूएचओ) में उसके साथ विचार-विमर्श का एक औपचारिक अनुरोध दाखिल करें.

अमेरिकी संसद
अमेरिकी संसद
author img

By

Published : Jul 2, 2022, 12:27 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया है कि वह 'व्यापार को विकृत करने वाले भारत के खतरनाक तरीकों' को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूएचओ) में उसके साथ विचार-विमर्श का एक औपचारिक अनुरोध दाखिल करें. बाइडन को लिखे पत्र में 12 सांसदों ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन के वर्तमान नियम सरकारों को वस्तु उत्पादन के मूल्य के 10 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की अनुमति देते हैं, लेकिन भारत सरकार चावल और गेहूं सहित कई वस्तुओं के उत्पादन के आधे से अधिक मूल्य पर सब्सिडी देना जारी रखे हुए है.

पढ़ें: डब्ल्यूटीओ की बैठक जून में, वाणिज्य मंत्रालय 18 मई को अंतर मंत्रालयी चर्चा करेगा

सांसदों ने पत्र में आरोप लगाया है कि भारत की ओर से 'नियमों का पालन नहीं किए जाने' और बाइडन प्रशासन की ओर से 'प्रवर्तन की कमी' ने चावल और गेहूं की कीमतों एवं उत्पादन को कम करके और अमेरिकी उत्पादकों को अनुपातहीन नुकसान की स्थिति में डालकर वैश्विक कृषि उत्पादन और व्यापार माध्यमों को नया रूप दिया है. पत्र में कहा गया है कि भारत के ये तरीके वैश्विक स्तर पर खतरनाक रूप से व्यापार को विकृत कर रहे हैं. अमेरिकी किसानों और पशुपालकों को प्रभावित कर रहे हैं. पत्र सांसद ट्रेसी मान और रिक क्रॉफर्ड की अगुवाई में लिखा गया है.

पढ़ें: sugar subsidy : WTO की विवाद समाधान समिति के फैसले के खिलाफ भारत ने की अपील

उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से डब्ल्यूटीओ में भारत के साथ विचार-विमर्श के लिए औपचारिक अनुरोध करने और अन्य डब्ल्यूटीओ सदस्यों के ऐसे घरेलू समर्थन कार्यक्रमों की निगरानी जारी रखने का आग्रह करते हैं जो व्यापार के निष्पक्ष तरीकों को नुकसान पहुंचाते हैं. भारत ने डब्ल्यूटीओ में अपने रुख का बचाव किया है. दुनिया भर के कई देशों और संगठनों ने अपने किसानों के हितों की रक्षा के लिए भारत के अडिग रुख की सराहना की है.

वाशिंगटन: अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया है कि वह 'व्यापार को विकृत करने वाले भारत के खतरनाक तरीकों' को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूएचओ) में उसके साथ विचार-विमर्श का एक औपचारिक अनुरोध दाखिल करें. बाइडन को लिखे पत्र में 12 सांसदों ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन के वर्तमान नियम सरकारों को वस्तु उत्पादन के मूल्य के 10 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की अनुमति देते हैं, लेकिन भारत सरकार चावल और गेहूं सहित कई वस्तुओं के उत्पादन के आधे से अधिक मूल्य पर सब्सिडी देना जारी रखे हुए है.

पढ़ें: डब्ल्यूटीओ की बैठक जून में, वाणिज्य मंत्रालय 18 मई को अंतर मंत्रालयी चर्चा करेगा

सांसदों ने पत्र में आरोप लगाया है कि भारत की ओर से 'नियमों का पालन नहीं किए जाने' और बाइडन प्रशासन की ओर से 'प्रवर्तन की कमी' ने चावल और गेहूं की कीमतों एवं उत्पादन को कम करके और अमेरिकी उत्पादकों को अनुपातहीन नुकसान की स्थिति में डालकर वैश्विक कृषि उत्पादन और व्यापार माध्यमों को नया रूप दिया है. पत्र में कहा गया है कि भारत के ये तरीके वैश्विक स्तर पर खतरनाक रूप से व्यापार को विकृत कर रहे हैं. अमेरिकी किसानों और पशुपालकों को प्रभावित कर रहे हैं. पत्र सांसद ट्रेसी मान और रिक क्रॉफर्ड की अगुवाई में लिखा गया है.

पढ़ें: sugar subsidy : WTO की विवाद समाधान समिति के फैसले के खिलाफ भारत ने की अपील

उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से डब्ल्यूटीओ में भारत के साथ विचार-विमर्श के लिए औपचारिक अनुरोध करने और अन्य डब्ल्यूटीओ सदस्यों के ऐसे घरेलू समर्थन कार्यक्रमों की निगरानी जारी रखने का आग्रह करते हैं जो व्यापार के निष्पक्ष तरीकों को नुकसान पहुंचाते हैं. भारत ने डब्ल्यूटीओ में अपने रुख का बचाव किया है. दुनिया भर के कई देशों और संगठनों ने अपने किसानों के हितों की रक्षा के लिए भारत के अडिग रुख की सराहना की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.