वाराणसी : टैटू बनवाना वर्तमान में प्रचलन हो गया है, लेकिन यह टैटू आपके जीवन के लिए घातक भी बना सकता है. टैटू कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय की एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रीति अग्रवाल ने टैटू से होने वाले नुकसान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
बता दें कि टैटू वर्तमान में एक फैशन बन चुका है, लेकिन यह फैशन कहीं लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है. वाराणसी में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें यह बाते निकल करके आई है कि टैटू बनवाने के कारण लोगों को एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी हो रही है. इस बारे में डॉ. प्रीति अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी में कई सारे ऐसे केस सामने आए हैं. जिसमें लोगों को एचआईवी संक्रमण हुआ है, बड़ी बात यह है कि न तो उन्होंने असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं और ना ही उन्हें कोई संक्रमित रक्त चढ़ाया गया है. बल्कि सेंटर में काउंसलिंग के बाद यह बात सामने आई कि टैटू बनवाने के बाद लोगों के यह समस्या हुई है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय की एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रीति अग्रवाल ने बताया कि यह समस्या संक्रमित सुई से टैटू बनवाने के कारण हुई है. दरअसल, टैटू जिस सुई से बनाई जाती है, वह काफी महंगी होती है. किसी एक व्यक्ति का टैटू बनाने के बाद उस सुई को नष्ट कर देना चाहिए. लेकिन अधिक कमाई के चक्कर में टैटू बनाने वाले एक ही सुई का प्रयोग कई लोगों का टैटू बनाने में करते हैं. जिसकी वजह से लोगों में गंभीर बीमारियां होती हैं. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऐसे में यदि किसी भी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का टैटू उसी सुई से बनाया गया है, तो अन्य लोग भी एचआईवी से संक्रमित हो सकते हैं.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि टैटू गुदवाने से पहले काफी सावधानियां बरतनी चाहिए. पैसे बचाने के चक्कर में किसी भी मेले में या फेरीवाले से टैटू बनवाना भारी पड़ सकता है. डॉक्टर का कहना है कि टैटू बनवाने से पहले यह जरूर देखना चाहिए कि उसने मशीन में नई सुई लगाई है या नहीं. जिन लोगों ने हाल ही में टैटू बनवाया हैं उन्हें अपनी एचआईवी जांच जरूर करानी चाहिए. ताकि किसी भी लापरवाही के चलते उन्हें संक्रमण हुआ हो, तो उसका तत्काल उपचार हो सके.
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