श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि किताबों के अध्याय पढ़कर मुगलों के इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता. उनका कहना है कि इतिहास को खत्म नहीं जा सकता है. आप इन बातों को किताबों से कितना दूर करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि देश के स्कूली पाठ्यक्रमों में मुगलों के बारे में दी गई जानकारी को किताबों से हटा दिया गया है. इतिहास मिटाया नहीं जा सकता, वह कहते हैं, मुग़लों का बनाया हुआ देश का ताजमहल, लाल किला कैसे छुपा सकते हैं.
उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कोकरनाग विधानसभा क्षेत्र के लारनो क्षेत्र में आयोजित शोकसभा के बाद मीडिया से बातचीत में कही. डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आप शाहजहां, औरंगजेब, अकबर, बाबर, हुमायूं और जहांगीर को कैसे भूल सकते हैं. किसी मुस्लिम, सिख या ईसाई को कोई खतरा महसूस नहीं हुआ, डॉ. फारूक ने कहा, ताजमहल, लाल किला, फतेहपुर सीकरी को कैसे छुपाया जा सकता है.
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उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि ये लोग खुद को कुल्हाड़ी मार रहे हैं, जबकि इतिहास हमेशा जिंदा रहेगा. एक सवाल के जवाब में नेकां अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम अलग-अलग मुकाबला नहीं कर सकते, लेकिन गठबंधन हमें जोड़ सकता है. हम एकजुट हो सकें, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित कर सकें, उन्होंने कहा कि एकजुट होकर ही सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं. बता दें कि स्कूली किताबों में खासकर 10 से 12वीं तक की पुस्तकों में मुगलों को लेकर पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए हैं. इस बदलाव पर विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है. विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार का यह कदम अनुचित है.