नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बीते कुछ दिनों में राजधानी दिल्ली में जेएनयू, जामिया, डीयू और अंबेडकर यूनिवर्सिटी में बवाल हुआ. कॉलेज प्रशासन की तरफ से इजाजत नहीं मिलने के बाद भी लेफ्ट छात्र संघटन बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल किया. जेएनयू में पत्थरबाजी हुई तो डीयू में धारा 144 लगाई गई.
इन सब घटनाओं के ने बीच सोशल मीडिया पर भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखनी चाहिए या नहीं इस पर बड़ी बहस छिड़ी हुई है. हालांकि, भारत सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. बहरहाल, इन सब के बीच हिंदू सेना ने बीबीसी को देश की अखंडता के लिए खतरा बता दिया है और बीबीसी को बैन करने की मांग कर डाली है.
बीबीसी ऑफिस का बाहर लगा दिए बोर्ड: बीबीसी के विरोध में हिंदू सेना द्वारा कनॉट प्लेस के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर बीबीसी ऑफिस के बाहर बोर्ड लगा दिया गया है. इस बोर्ड पर लिखा है बीबीसी प्रधानमंत्री की छवि खराब करना बंद करो. बीबीसी भारत छोड़ो. इस बोर्ड के यहां लगाए जाने के बाद से लोगों में चर्चा होने लगी है क्या ऐसा है उस डॉक्यूमेंट्री में जो इतना विरोध किया जा रहा है. कुछ तो यह भी कहते पाए गए कि अगर डॉक्यूमेंट्री का लिंक मिले तो वह भी देखना पसंद करेंगे.
क्या कहना है हिंदू सेना के अध्यक्ष का: हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि बीबीसी देश की एकता एवं अखंडता के लिए खतरा है बीबीसी पर तत्काल बैन लगना चाहिए. बीबीसी अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत भारत में काम कर रहा है और वह शुरू से ही भारत की छवि धूमिल करने का काम करता रहा है. अब वह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब कर रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इंदिरा गांधी ने बीबीसी पर बैन लगाया था, लेकिन बीबीसी की माफी मांगने के बाद बैन को हटा दिया था.
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