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Hindu Migration Poster Controversy : कुरैशी-पारीक ने घटना पर क्या कहा? पड़ोसी...पोस्टर और पॉलिटिक्स की पढ़िए इनसाइड स्टोरी - जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र

जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 69 में हिंदुओं के पलायन का पोस्टर लगा है, जो चर्चा का विषय बन गया है. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है. इस बीच कांग्रेस पार्षद फरीद कुरैशी और पूर्व मकान मालिक के बेटे अजय पारीक ने ईटीवी भारत से इस घटना पर अपनी बात रखी.

Hindu Migration Poster Controversy
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Published : May 22, 2023, 7:06 AM IST

Updated : May 22, 2023, 7:19 AM IST

अफवाह या साजिश - फरीद कुरैशी और अजय पारीक ने रखी अपनी बात

जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के कल्याण जी के रास्ते में कुछ मकानों के बाहर चस्पा पोस्टर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन पोस्टरों पर लिखा है 'स्थानीय निवासी-पलायन को मजबूर, किशनपोल क्षेत्र से हिंदुओं का पलायन जारी, जिम्मेदार - कांग्रेस पार्षद फरीद कुरैशी वार्ड नंबर 69'. ये पोस्टर विवाद सामने आने के बाद से क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस घटना की जांच पुलिस कर रही है. वहीं, पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच स्थानीय पार्षद फरीद कुरैशी और पूर्व मकान मालिक ओम प्रकाश पारीक के पुत्र अजय पारीक ने ईटीवी भारत के सामने खुलकर अपनी बात रखी और सारी बात बताई. चलिए जानते हैं दोनों ने क्या कहा.

पार्षद फरीद कुरैशी ने घटना को सियासी बताया : वार्ड 69 पार्षद मोहम्मद फरीद कुरैशी ने पोस्टर में लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मामले में हिंदू पलायन की कोई बात ही नहीं है. उनके वार्ड में मुस्लिम समुदाय और हिंदू समुदाय के लगभग बराबर वोट है. जब उन्होंने चुनाव लड़ा था, तब तकरीबन 450 वोट बहुसंख्यकों के मिले थे. वह बढ़-चढ़कर बहुसंख्यकों के लिए काम भी कर रहे हैं. किसी असामाजिक तत्व को इस बात की तकलीफ है कि उनका जुड़ाव बहुसंख्यकों से क्यों हो रहा है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के लोग इस तरह की अफवाह फैलाकर यहां के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं. ये प्लानिंग के तहत उठाया गया कदम है. बीजेपी के पास चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है. किशनपोल में बीते साढ़े 4 साल में ऐतिहासिक काम हुए हैं. जो बीते 50 साल में नहीं हो पाए. जिसकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी तारीफ की. बीजेपी के पास कोई मुद्दा तो है नहीं, इसलिए ध्रुवीकरण करके वोटों की राजनीति करना चाहती है.

पड़ोसियों से था विवाद : उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश पारीक के पुत्र अजय पारीक ने भी बताया था कि उन्होंने अपना मकान उनके रिश्तेदार को बेचा. बाद में जब उनके रिश्तेदार कब्जा लेने आए तब पड़ोसियों ने वहां विवाद किया. पार्षद के नाते वो भी मौके पर पहुंचे. विवाद बढ़ता देख मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने दोनों पार्टियों के कागजों को देखा, उनके बयान लिए और बेचान को सही पाया. इसका खुलासा खुद मकान के अजय पारीक ने भी किया है. लेकिन कुछ असामाजिक लोग अब इसे हिंदुओं के पलायन से जोड़ रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ स्थानीय महिलाओं के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें उनका आरोप है कि उनके क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोग उनकी घर की बेटियों को परेशान करते हैं. जिसे पार्षद मोहम्मद फरीद कुरैशी ने मैनिपुलेटेड बताया. उन्होंने अपने वार्ड को शांति प्रिय और स्थानीय लोगों को बहुत अच्छा बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुसंख्यक लोग भी उन्हें प्यार करते हैं. बहुसंख्यकों के एक कार्यक्रम में उन्हें हाल ही में सम्मानित भी किया गया.

पढ़ें : हिंदुओं के पलायन का पोस्टर विवाद : भाजपा का गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप, कांग्रेस बोली बीजेपी की बौखलाहट

पूर्व मकान मालिक का दावा : दूसरी तरफ मकान नंबर 2822 के पूर्व मकान मालिक ओमप्रकाश पारीक के पुत्र अजय पारीक ने कहा कि कोई हिंदू पलायन नहीं कर रहा. उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. राजी खुशी आगे बढ़कर ये मकान बेचा है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में ये घर हिंदू परिवार को ही देने का था, लेकिन जब भी कोई हिंदू परिवार आता था, तो वह घर में कोई ना कोई कमी निकाल देता था. कुछ ने घर की रेट कम लगाई, उनको भी पड़ोसी बहका देते थे, कि ये घर तो टूटेगा-फूटेगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसियों ने उन्हें काफी परेशान किया. साल 2016 में कार भी जला दी थी. गली कन्जेस्टेड थी, ऐसे में कोई भी गोदाम या व्यापार की दृष्टि से नहीं आ सकता था. रहने के लिए कोई ले सकता था. चूंकि घर काफी पुराना हो गया था, पैसों की भी जरूरत थी और घर के बाहर भी पानी भरा रहता था, इसलिए काफी परेशानी भी होती थी. सेंट्रल पार्क में उनकी बहन के साथ पढ़ाई कर चुके मोहसीन से मुलाकात हुई. वहीं मकान बेचने की चर्चा शुरू हुई. मौसी ने इस संबंध में अपने पिता फारूक कुरैशी से बात की और मकान बेचना तय हुआ. हालांकि बाद में पता लगा था कि वो पार्षद फरीद कुरैशी के रिलेटिव हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने सांप्रदायिक झगड़ा होने की आशंका जताते हुए, डीसीपी नॉर्थ को पत्र भी लिखा है.

पढ़ें :Hindu Migration Poster Controversy : हिंदुओं के पलायन का जयपुर में लगा पोस्टर, एक्शन में पुलिस, मुकदमा दर्ज

पूरा मामला इस तरह से समझिए : जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के कल्याण जी के रास्ते में पुरोहितों के चौक स्थित मकान नंबर 2822 को ओम प्रकाश पारीक की ओर से मोहम्मद रईस और मोहम्मद फारुख को बेचान किया गया. कोतवाली थाना इंचार्ज ओमप्रकाश ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने इस स्थिति को अन्य रूप देने के उद्देश्य से हिंदुओं के पलायन के संबंध में पोस्टर चस्पा किए. जिस के संबंध में कोतवाली थाना की ओर से अनुसंधान किया जा रहा है. परिवादी ने इस संबंध में कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है. ऐसे में ये स्पष्ट होता है कि परिवादी ने स्वेच्छा से मकान बेचा है. जांच में ये खोजने का प्रयास किया जा रहा है कि किन असामाजिक तत्वों ने और किस उद्देश्य से ये पोस्टर चस्पा किए हैं. उन असामाजिक तत्वों के सीसीटीवी खंगालते हुए खोज की जा रही है.

अफवाह या साजिश - फरीद कुरैशी और अजय पारीक ने रखी अपनी बात

जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के कल्याण जी के रास्ते में कुछ मकानों के बाहर चस्पा पोस्टर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन पोस्टरों पर लिखा है 'स्थानीय निवासी-पलायन को मजबूर, किशनपोल क्षेत्र से हिंदुओं का पलायन जारी, जिम्मेदार - कांग्रेस पार्षद फरीद कुरैशी वार्ड नंबर 69'. ये पोस्टर विवाद सामने आने के बाद से क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस घटना की जांच पुलिस कर रही है. वहीं, पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच स्थानीय पार्षद फरीद कुरैशी और पूर्व मकान मालिक ओम प्रकाश पारीक के पुत्र अजय पारीक ने ईटीवी भारत के सामने खुलकर अपनी बात रखी और सारी बात बताई. चलिए जानते हैं दोनों ने क्या कहा.

पार्षद फरीद कुरैशी ने घटना को सियासी बताया : वार्ड 69 पार्षद मोहम्मद फरीद कुरैशी ने पोस्टर में लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मामले में हिंदू पलायन की कोई बात ही नहीं है. उनके वार्ड में मुस्लिम समुदाय और हिंदू समुदाय के लगभग बराबर वोट है. जब उन्होंने चुनाव लड़ा था, तब तकरीबन 450 वोट बहुसंख्यकों के मिले थे. वह बढ़-चढ़कर बहुसंख्यकों के लिए काम भी कर रहे हैं. किसी असामाजिक तत्व को इस बात की तकलीफ है कि उनका जुड़ाव बहुसंख्यकों से क्यों हो रहा है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के लोग इस तरह की अफवाह फैलाकर यहां के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं. ये प्लानिंग के तहत उठाया गया कदम है. बीजेपी के पास चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है. किशनपोल में बीते साढ़े 4 साल में ऐतिहासिक काम हुए हैं. जो बीते 50 साल में नहीं हो पाए. जिसकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी तारीफ की. बीजेपी के पास कोई मुद्दा तो है नहीं, इसलिए ध्रुवीकरण करके वोटों की राजनीति करना चाहती है.

पड़ोसियों से था विवाद : उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश पारीक के पुत्र अजय पारीक ने भी बताया था कि उन्होंने अपना मकान उनके रिश्तेदार को बेचा. बाद में जब उनके रिश्तेदार कब्जा लेने आए तब पड़ोसियों ने वहां विवाद किया. पार्षद के नाते वो भी मौके पर पहुंचे. विवाद बढ़ता देख मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने दोनों पार्टियों के कागजों को देखा, उनके बयान लिए और बेचान को सही पाया. इसका खुलासा खुद मकान के अजय पारीक ने भी किया है. लेकिन कुछ असामाजिक लोग अब इसे हिंदुओं के पलायन से जोड़ रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ स्थानीय महिलाओं के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें उनका आरोप है कि उनके क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोग उनकी घर की बेटियों को परेशान करते हैं. जिसे पार्षद मोहम्मद फरीद कुरैशी ने मैनिपुलेटेड बताया. उन्होंने अपने वार्ड को शांति प्रिय और स्थानीय लोगों को बहुत अच्छा बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुसंख्यक लोग भी उन्हें प्यार करते हैं. बहुसंख्यकों के एक कार्यक्रम में उन्हें हाल ही में सम्मानित भी किया गया.

पढ़ें : हिंदुओं के पलायन का पोस्टर विवाद : भाजपा का गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप, कांग्रेस बोली बीजेपी की बौखलाहट

पूर्व मकान मालिक का दावा : दूसरी तरफ मकान नंबर 2822 के पूर्व मकान मालिक ओमप्रकाश पारीक के पुत्र अजय पारीक ने कहा कि कोई हिंदू पलायन नहीं कर रहा. उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. राजी खुशी आगे बढ़कर ये मकान बेचा है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में ये घर हिंदू परिवार को ही देने का था, लेकिन जब भी कोई हिंदू परिवार आता था, तो वह घर में कोई ना कोई कमी निकाल देता था. कुछ ने घर की रेट कम लगाई, उनको भी पड़ोसी बहका देते थे, कि ये घर तो टूटेगा-फूटेगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसियों ने उन्हें काफी परेशान किया. साल 2016 में कार भी जला दी थी. गली कन्जेस्टेड थी, ऐसे में कोई भी गोदाम या व्यापार की दृष्टि से नहीं आ सकता था. रहने के लिए कोई ले सकता था. चूंकि घर काफी पुराना हो गया था, पैसों की भी जरूरत थी और घर के बाहर भी पानी भरा रहता था, इसलिए काफी परेशानी भी होती थी. सेंट्रल पार्क में उनकी बहन के साथ पढ़ाई कर चुके मोहसीन से मुलाकात हुई. वहीं मकान बेचने की चर्चा शुरू हुई. मौसी ने इस संबंध में अपने पिता फारूक कुरैशी से बात की और मकान बेचना तय हुआ. हालांकि बाद में पता लगा था कि वो पार्षद फरीद कुरैशी के रिलेटिव हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने सांप्रदायिक झगड़ा होने की आशंका जताते हुए, डीसीपी नॉर्थ को पत्र भी लिखा है.

पढ़ें :Hindu Migration Poster Controversy : हिंदुओं के पलायन का जयपुर में लगा पोस्टर, एक्शन में पुलिस, मुकदमा दर्ज

पूरा मामला इस तरह से समझिए : जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के कल्याण जी के रास्ते में पुरोहितों के चौक स्थित मकान नंबर 2822 को ओम प्रकाश पारीक की ओर से मोहम्मद रईस और मोहम्मद फारुख को बेचान किया गया. कोतवाली थाना इंचार्ज ओमप्रकाश ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने इस स्थिति को अन्य रूप देने के उद्देश्य से हिंदुओं के पलायन के संबंध में पोस्टर चस्पा किए. जिस के संबंध में कोतवाली थाना की ओर से अनुसंधान किया जा रहा है. परिवादी ने इस संबंध में कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है. ऐसे में ये स्पष्ट होता है कि परिवादी ने स्वेच्छा से मकान बेचा है. जांच में ये खोजने का प्रयास किया जा रहा है कि किन असामाजिक तत्वों ने और किस उद्देश्य से ये पोस्टर चस्पा किए हैं. उन असामाजिक तत्वों के सीसीटीवी खंगालते हुए खोज की जा रही है.

Last Updated : May 22, 2023, 7:19 AM IST
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