शिमला: करीब 3 दिन तक आसमान से बरसती आफत झेलने के बाद हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहा तो हर ओर तबाही के निशान थे. वैसे तो बारिश पूरे प्रदेश पर आफत बनकर टूटी है, लेकिन सबसे ज्यादा खराब हालात मंडी और कुल्लू में हैं. जहां बारिश के बाद ब्यास नदी ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है.
सीएम ने किया हवाई सर्वे- मंगलवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कुल्लू का हवाई सर्वेक्षण किया. सुक्खू ने हेलीकॉप्टर से कुल्लू शहर के अलावा मनाली, सैंज घाटी और मणिकर्ण का हवाई दौरा किया. जहां से तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा था. इसके अलावा कुछ इलाकों में मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और कुछ परिवारों से मुलाकात भी की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ के बीच फंसे लोगों तक खाना, दवाई आदि जरूरी सामान तुरंत पहुंचाया जाए और फिर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का इंतजाम किया जाए. कुल्लू की सैंज घाटी में 40 दुकानें और 30 मकान बाढ़ की चपेट में आ गईं जिसके लिए मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपये की राहत राशि जारी करने के आदेश दिए हैं.
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1299 सड़कें बंद- बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से प्रदेशभर में नेशनल हाइवे से लेकर स्टेट हाइवे और पंचायत स्तर तक की सड़कों को नुकसान हुआ है. हरियाणा को राजधानी शिमला से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे-5 यानी कालका-शिमला हाइवे बंद हो गया है. चंडीगढ़ को मनाली और मंडी से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे भी जगह-जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद है. हिमाचल प्रदेश डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक मंगलवार शाम तक प्रदेश भर में 1299 सड़कें बंद हैं.
हर ओर पानी-पानी, लेकिन पेयजल की किल्लत और बिजली भी गुल- भारी बारिश के कारण हर ओर जैसे बाढ़ आ गई है लेकिन इस सैलाब के बीच पीने के पानी की किल्लत हो गई है. डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक प्रदेशभर में 3737 वाटर स्कीम बारिश के कारण प्रभाव पड़ा है. जिसके कारण कई इलाकों में पेयजल की समस्या है. राजधानी शिमला में भी पेयजल परियोजनाओं में गाद आने के कारण पंपिंग नहीं पाई और 3 दिन से पानी नहीं आ रहा है, जिसके कारण लोग पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं. इसके अलावा प्रदेश के कई इलाकों में बिजली भी गुल है. भारी बारिश के बाद प्रदेशभर में लगभग 2500 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं. मुख्यमंत्री ने भी कुल्लू दौरे के दौरान माना कि इस समय सबसे बड़ी चुनौती बिजली सप्लाई है जिससे दुरुस्त करने के बाद पेयजल समस्या का समाधान होगा.
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अब तक 27 लोगों की मौत, सभी पर्यटक सुरक्षित- हिमाचल के कई इलाकों में भारी बारिश का असर टेलीफोन नेटवर्क पर भी पड़ा है. जिसके कारण लोगों का एक दूसरे से संपर्क साधना भी मुश्किल हो रहा है. कुल्लू पहुंचे सीएम सुखविंदर सुक्खू ने भी माना कि सैंज घाटी में फंसे लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है इसलिये अधिकारियों को सेटेलाइट फोन के साथ वहां भेजा गया है. कुल्लू का हवाई सर्वेक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ऐसी बारिश हिमाचल में पिछले 50 साल में नहीं हुई है. इस तबाही में अब तक 27 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वक्त कई राज्यों के पर्यटक कुल्लू, मनाली और अन्य स्थानों पर हैं और वे सभी सुरक्षित हैं. वे सभी होटल या रिजॉर्ट्स में हैं, जहां उनके खाने और रहने की पूरी व्यवस्था है.
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हिमाचल के स्कूलों में मानसून ब्रेक दिया गया- भारी बारिश को देखते हुए सरकार ने 10 और 11 जुलाई को प्रदेशभर के स्कूल बंद करने की घोषणा की थी. अब हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड से एफिलिएटेड सभी स्कूलों में मॉनसून और गर्मियों की छुट्टियां दे दी गई हैं. कुल्लू जिले में 10 जुलाई से 1 जुलाई तक मॉनसून ब्रेक होगा जो पहले 23 जुलाई से 14 अगस्त तक होना था. लाहौल स्पीति जिले में जो समर ब्रेक 17 जुलाई से 27 अगस्त तक होना था उसे 10 जुलाई से 20 अगस्त तक कर दिया गया है. किन्नौर, भरमौर, पांगी जैसे ट्राइबल इलाकों में भी 10 जुलाई से 15 जुलाई तक मॉनसून ब्रेक होगा जबकि सर्दियों में बंद रहने वाले स्कूलों में भी 15 जुलाई तक मॉनसून ब्रेक दिया गया है जो पहले 22 जुलाई से 27 जुलाई तक होना था. इसके अलावा 23 जुलाई को होने वाली HAS की परीक्षा भी अब 20 अगस्त को होगी.
हिमाचल में मानसून बरपा रहा कहर- हिमाचल में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी. जिसके बाद से मानसून कहर बरपा रहा है. डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक मंगलवार 11 जुलाई तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 99 लोग घायल और 10 लापता हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को 350.50 करोड़, PWD को 616.08 करोड़, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट को 70.36 करोड़ और अर्बन डिपार्टमेंट को 3.15 करोड़ का नुकसान हुआ है. प्रदेशभर में 1299 सड़कें बंद हैं.