चंडीगढ़ : 27 मई 2021 को पंजाब पुलिस द्वारा एक प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी गई कि हिमाचल के सिरमौर से पांवटा साहिब की दवा कंपनी से 15 करोड़ की ड्रग जब्त की गई है. साथ ही कंपनी के मालिक मनीष मोहन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तारी के बाद मनीष मोहन की पत्नी ने हिमाचल हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसके बाद कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
पंजाब पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ याचिका
मनीष मोहन की पत्नी अर्पिता की ओर से हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया कि पंजाब पुलिस गैरकानूनी तरीके से कंपनी के सभी दस्तावेजों को अपने साथ ले गई. साथ ही उनके पति को भी गिरफ्तार कर लिया जबकि उन्होंने सभी लीगल दस्तावेज सहित कंपनी के पास दवाइयां बनाने का लाइसेंस भी दिखाया. उन्होंने बताया कि जब रेड की गई, उस वक्त भी ड्रग इंस्पेक्टर वहां मौजूद थे. उनके पास लाइसेंस 25 दवाइयों को बनाने का है, लेकिन पंजाब पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि यदि उन्होंने काम में बाधा डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी.
कंपनी के पास दवाइयों का लाइसेंस होने का दावा
याचिकाकर्ता के वकील पंकज भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में यही बताया गया कि कंपनी को हिमाचल के ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से 25 दवाइयां बनाने के लिए लाइसेंस दिया गया है. उसी के तहत उन्होंने ट्रामाडोल और अन्य दवाइयां जो कि पंजाब में बैन है, उसे बनाया. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कंपनी ने जो भी दवाइयां अभी तक दी हैं, वह दिल्ली में मानसी मेडिकोज को दी हैं, जिनके पास ऐसी दवाइयां लेने का लाइसेंस है.
पंजाब में दवाइयों की कीमत 15 करोड़ के करीब
वहीं, 18 मई 2021 को अमृतसर के मत्तेवाड़ा पुलिस स्टेशन द्वारा तीन लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है जिनके पास से 50 हजार नशीले कैप्सूल बरामद किए गए. दवाई पर जब मार्क देखा गया तो वह पांवटा साहिब की दवाई कंपनी यूनिक फॉर्मूलेशन का था. जिसके बाद पंजाब पुलिस ने हिमाचल पुलिस को अवगत कर कंपनी में रेड की. याचिकाकर्ता के वकील पंकज भारद्वाज ने बताया कि ट्रामाडोल पंजाब में बैन है और उसकी कीमत पंजाब में हिमाचल के मुकाबले ज्यादा है. ऐसे में जब कंपनी से सारी दवाइयां पंजाब पुलिस अपने साथ लेकर गई तो उनकी कीमत पंजाब के रेट के हिसाब से 15 करोड़ हुई.
हिमाचल हाई कोर्ट ने अधिकारियों को जारी किए नोटिस
पंकज भारद्वाज ने बताया कि जब कंपनी के पास लाइसेंस है और उन्होंने मानसी मेडिको को ही दवाइयां दी हैं. मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके साथ किसी भी तरह से कंपनी के मालिक मुनीश मोहन के कोई संबंध नहीं थे. यही हाईकोर्ट में भी कहा गया है.
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जिसके बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने हिमाचल के डीजीपी, हेल्थ सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी सहित पंजाब के डीजीपी को 14 जून के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.