ETV Bharat / bharat

Himachal Crypto Currency Scam: लालच में खाकी वर्दी पर लग गए दाग, रातों-रात करोड़ों में खेलने की चाहत ने मकड़जाल में फंसाया

Crypto Currency Fraud in Himachal Pradesh: क्रिप्टो का मकड़जाल ऐसा कि आम लोग तो आम बल्कि पुलिसकर्मी भी इसमें फंस गए. स्कैम कोई छोटा मोटा नहीं हजारों करोड़ का. जानें कैसे देवभूमि में ये स्कैम इतना बड़ा हो गया. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Crypto Currency Scam
सांकेतिक तस्वीर.
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 10:20 PM IST

Updated : Nov 6, 2023, 10:29 PM IST

शिमला: चंगी-भली पुलिस की नौकरी कर रहे थे. अचानक खाकी वर्दी धारण करने वाले भी रातों-रात करोड़पति बनने के लालच में इसके जाल में फंस गए. अब पांच पुलिस कर्मचारी इस निवेश के धंधे में फंसने के कारण एसआईटी की गिरफ्त में आ गए. हैरतअंगेज तथ्य ये है कि करीब पांच हजार सरकारी कर्मचारी भी इसके लालच में आ गए. जिला सिरमौर के रहने वाले सेना से रिटायर एक व्यक्ति ने तो डेढ़ करोड़ का रकम इसमें झोंक दी. अब वो पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि उनका पैसा वापिस दिलाया जाए. अब आलम ये है कि ठगी के इस जाल के मास्टरमाइंड दुबई भाग गए हैं.

राज्य सरकार ने सीबीआई से लौटे तेजतर्रार आईपीएस अफसर अभिषेक दुल्लर की अगुवाई में एसआईटी बनाई है. दुल्लर नार्दन रेंज के डीआईजी हैं. एसआईटी ने अब तक 18 लोगों को पकड़ा है. पुलिस के कर्मचारी आसान कमाई के लालच में फंस गए. इनमें सिपाही और जेल वार्डन के पद पर काम कर रहे कर्मचारी शामिल हैं. हमीरपुर के जाहू में तैनात महिला पुलिस कर्मी भी इस लालच में फंसने से नहीं बच पाई. इस महिला पुलिस कर्मी की बातों में आकर एक व्यक्ति ने 11 लाख रुपए निवेश कर दिए.

ये भी पढ़ें- Himachal Crypto Currency Scam: दुबई भागे मास्टरमाइंड कर रहे जूम मीटिंग, निवेशकों को कह रहे जारी रखें इन्वेस्टमेंट, न करें पुलिस में शिकायत

पुलिस वालों पर लोग भरोसा कर लेते हैं. इसी भरोसे का शिकार हुए लोग अब पछता रहे हैं. पुलिस कर्मियों को आगे बनने वाले मेंबर्स से आई कमीशन मिली तो उनके हौसले और खुले. जमकर निवेश होने लगा तो प्राइम मेंबर्स को लाखों की कमीशन मिलने लगी. इस कमीशन की रकम से उन्होंने प्लाट, मकान व गाडिय़ां खरीदी. ये जाल एक जिला से दूसरे जिला में फैल गया. अधिकांश ठगी हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना, सिरमौर आदि जिलों में हुई.

ऐसे फंसाते थे जाल में: क्रिप्टो ठगी के मामले में चुनिंदा लोगों ने ही करोड़ों रुपए कमाए. निवेश करने वाले अधिकांश लोग पैसा फंसने के कारण अब डिप्रेशन में हैं. हुआ यूं कि जो इस ठगी के मास्टर माइंड थे, उन्होंने निवेश के लिए लोगों को उकसाया. जो व्यक्ति निवेश करता था, उसे आगे फिर दो और निवेशक तैयार करने होते थे. यानी दो नए मेंबर बनाने होते थे. वे आगे फिर नए मेंबर बनाते थे. इस तरह एक चेन बन जाती थी. इसमें होता ये था कि जो टॉप पर लोग थे, उन्हें हर मेंबर के बनने पर कमीशन मिलती थी. इसी भारी-भरकम कमीशन से उन्होंने करोड़ों रुपए कमा लिए. डीआईजी अभिषेक दुल्लर के अनुसार ये सब ठगी है. क्योंकि देश में अनरेगुलेटिड डिपॉजिट स्कीम्स प्रतिबंधित हैं. इसमें न तो कोई प्रोडक्ट सेल हो रहा है और न ही कोई कैश इन्वाल्व है. ये प्योर डिजिटल प्लेटफार्म है. ऐसे में ये ठगी कही जाएगी.

देहरा के विधायक ने किया था खुलासा: विधानसभा के मानसून सेशन में देहरा के विधायक होशियार सिंह ने खुलासा किया था कि उनके क्षेत्र में दस करोड़ रुपए की ठगी हुई. उन्होंने दावा किया कि हमीरपुर में 200 करोड़, ऊना में सौ करोड़ और कांगड़ा में 250 करोड़ की ठगी हो चुकी है. बाद में ये आंकड़ा 2500 करोड़ तक पहुंच गया. तब विधानसभा में होशियार सिंह ने कहा था कि ठग निवेशकों को आठ महीने में पैसे दोगुने करने का लालच देते थे. बिटकॉइन, कोर्वियो, बिटकॉइन इनकैश, कोर्विट कॉइन, बिटकनेक्ट जैसी कंपनियों ने लोगों को ठगा. तब डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा था कि एसआईटी का गठन किया गया है. तब सरकार के पास 56 शिकायतें आई थीं. अब तो शिकायतों का अंबार लग चुका है.

एक लाख लोग ठगे गए: क्रिप्टो के जाल में हिमाचल के एक लाख लोग फंस गए और ठगे गए. एसआईटी के पास अब तक सैंकड़ों शिकायतें आ चुकी हैं. मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा सरकाघाट का रहने वाला है. वो दुबई भाग चुका है. इसके अलावा जोगेंद्र सूद, अभिषेक शर्मा भी शातिराना अंदाज में ठगते रहे. जोगेंद्र सूद भी फरार है. अभिषेक शर्मा को ऊना से पकड़ा गया है. पुलिस तत्परता से एक्शन ले रही है, लेकिन इस कांड के मास्टर माइंड सुभाष शर्मा व जोगेंद्र सूद दुबई से जूम मीटिंग के जरिए हिमाचल में निवेशकों से संपर्क साध रहे हैं.

ये शातिर कह रहे हैं कि निवेशकों का न केवल पैसा सुरक्षित है, बल्कि उनको निवेश की गई रकम का ब्याज भी खाते में आएगा. वे निवेशकों को निरंतर पैसे लगाने का लालच दे रहे हैं. फिलहाल एसआईटी ठगों की संपत्ति भी जब्त कर रही है. अब तक करीब दस करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की जा चुकी है. डीआईजी अभिषेक दुल्लर का कहना है कि आगे और भी गिरफ्तारियां होंगी.

ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh High Court: कंडक्टर से बुकिंग क्लर्क के पद पर भेजने खत्म नहीं होता इंस्पेक्टर प्रमोशन का हक, हाई कोर्ट ने दी बड़ी व्यवस्था

शिमला: चंगी-भली पुलिस की नौकरी कर रहे थे. अचानक खाकी वर्दी धारण करने वाले भी रातों-रात करोड़पति बनने के लालच में इसके जाल में फंस गए. अब पांच पुलिस कर्मचारी इस निवेश के धंधे में फंसने के कारण एसआईटी की गिरफ्त में आ गए. हैरतअंगेज तथ्य ये है कि करीब पांच हजार सरकारी कर्मचारी भी इसके लालच में आ गए. जिला सिरमौर के रहने वाले सेना से रिटायर एक व्यक्ति ने तो डेढ़ करोड़ का रकम इसमें झोंक दी. अब वो पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि उनका पैसा वापिस दिलाया जाए. अब आलम ये है कि ठगी के इस जाल के मास्टरमाइंड दुबई भाग गए हैं.

राज्य सरकार ने सीबीआई से लौटे तेजतर्रार आईपीएस अफसर अभिषेक दुल्लर की अगुवाई में एसआईटी बनाई है. दुल्लर नार्दन रेंज के डीआईजी हैं. एसआईटी ने अब तक 18 लोगों को पकड़ा है. पुलिस के कर्मचारी आसान कमाई के लालच में फंस गए. इनमें सिपाही और जेल वार्डन के पद पर काम कर रहे कर्मचारी शामिल हैं. हमीरपुर के जाहू में तैनात महिला पुलिस कर्मी भी इस लालच में फंसने से नहीं बच पाई. इस महिला पुलिस कर्मी की बातों में आकर एक व्यक्ति ने 11 लाख रुपए निवेश कर दिए.

ये भी पढ़ें- Himachal Crypto Currency Scam: दुबई भागे मास्टरमाइंड कर रहे जूम मीटिंग, निवेशकों को कह रहे जारी रखें इन्वेस्टमेंट, न करें पुलिस में शिकायत

पुलिस वालों पर लोग भरोसा कर लेते हैं. इसी भरोसे का शिकार हुए लोग अब पछता रहे हैं. पुलिस कर्मियों को आगे बनने वाले मेंबर्स से आई कमीशन मिली तो उनके हौसले और खुले. जमकर निवेश होने लगा तो प्राइम मेंबर्स को लाखों की कमीशन मिलने लगी. इस कमीशन की रकम से उन्होंने प्लाट, मकान व गाडिय़ां खरीदी. ये जाल एक जिला से दूसरे जिला में फैल गया. अधिकांश ठगी हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना, सिरमौर आदि जिलों में हुई.

ऐसे फंसाते थे जाल में: क्रिप्टो ठगी के मामले में चुनिंदा लोगों ने ही करोड़ों रुपए कमाए. निवेश करने वाले अधिकांश लोग पैसा फंसने के कारण अब डिप्रेशन में हैं. हुआ यूं कि जो इस ठगी के मास्टर माइंड थे, उन्होंने निवेश के लिए लोगों को उकसाया. जो व्यक्ति निवेश करता था, उसे आगे फिर दो और निवेशक तैयार करने होते थे. यानी दो नए मेंबर बनाने होते थे. वे आगे फिर नए मेंबर बनाते थे. इस तरह एक चेन बन जाती थी. इसमें होता ये था कि जो टॉप पर लोग थे, उन्हें हर मेंबर के बनने पर कमीशन मिलती थी. इसी भारी-भरकम कमीशन से उन्होंने करोड़ों रुपए कमा लिए. डीआईजी अभिषेक दुल्लर के अनुसार ये सब ठगी है. क्योंकि देश में अनरेगुलेटिड डिपॉजिट स्कीम्स प्रतिबंधित हैं. इसमें न तो कोई प्रोडक्ट सेल हो रहा है और न ही कोई कैश इन्वाल्व है. ये प्योर डिजिटल प्लेटफार्म है. ऐसे में ये ठगी कही जाएगी.

देहरा के विधायक ने किया था खुलासा: विधानसभा के मानसून सेशन में देहरा के विधायक होशियार सिंह ने खुलासा किया था कि उनके क्षेत्र में दस करोड़ रुपए की ठगी हुई. उन्होंने दावा किया कि हमीरपुर में 200 करोड़, ऊना में सौ करोड़ और कांगड़ा में 250 करोड़ की ठगी हो चुकी है. बाद में ये आंकड़ा 2500 करोड़ तक पहुंच गया. तब विधानसभा में होशियार सिंह ने कहा था कि ठग निवेशकों को आठ महीने में पैसे दोगुने करने का लालच देते थे. बिटकॉइन, कोर्वियो, बिटकॉइन इनकैश, कोर्विट कॉइन, बिटकनेक्ट जैसी कंपनियों ने लोगों को ठगा. तब डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा था कि एसआईटी का गठन किया गया है. तब सरकार के पास 56 शिकायतें आई थीं. अब तो शिकायतों का अंबार लग चुका है.

एक लाख लोग ठगे गए: क्रिप्टो के जाल में हिमाचल के एक लाख लोग फंस गए और ठगे गए. एसआईटी के पास अब तक सैंकड़ों शिकायतें आ चुकी हैं. मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा सरकाघाट का रहने वाला है. वो दुबई भाग चुका है. इसके अलावा जोगेंद्र सूद, अभिषेक शर्मा भी शातिराना अंदाज में ठगते रहे. जोगेंद्र सूद भी फरार है. अभिषेक शर्मा को ऊना से पकड़ा गया है. पुलिस तत्परता से एक्शन ले रही है, लेकिन इस कांड के मास्टर माइंड सुभाष शर्मा व जोगेंद्र सूद दुबई से जूम मीटिंग के जरिए हिमाचल में निवेशकों से संपर्क साध रहे हैं.

ये शातिर कह रहे हैं कि निवेशकों का न केवल पैसा सुरक्षित है, बल्कि उनको निवेश की गई रकम का ब्याज भी खाते में आएगा. वे निवेशकों को निरंतर पैसे लगाने का लालच दे रहे हैं. फिलहाल एसआईटी ठगों की संपत्ति भी जब्त कर रही है. अब तक करीब दस करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की जा चुकी है. डीआईजी अभिषेक दुल्लर का कहना है कि आगे और भी गिरफ्तारियां होंगी.

ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh High Court: कंडक्टर से बुकिंग क्लर्क के पद पर भेजने खत्म नहीं होता इंस्पेक्टर प्रमोशन का हक, हाई कोर्ट ने दी बड़ी व्यवस्था

Last Updated : Nov 6, 2023, 10:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.