शिमला : खालिस्तान समर्थक समूह 'सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे)' ने कथित तौर पर धमकी दी है कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM JaiRam Thakur) को राज्य में तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि इस मामले में जांच की जाएगी, कुछ गंभीर पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
शिमला के पत्रकारों को सुबह दस बजकर 54 मिनट पर किए गए पहले से रिकॉर्ड फोन कॉल में यह धमकी दी गई. कॉल करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को गुरपतवंत सिंह पानून बताया और कहा कि वह एसएफजे संगठन का वकील (जनरल काउंसल) है.
उस व्यक्ति ने कहा, 'हम जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने देंगे.' उसने यह भी कहा कि यह वाशिंगटन डीसी से संगठन के वकील की ओर से कहा गया है. उसने अंग्रेजी में कहा, 'हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा था और हम पंजाब में जनमत संग्रह कराने की मांग करते हैं. पंजाब को आजाद करवाने के बाद हम हिमाचल प्रदेश के उन इलाकों को अपने कब्जे में लेंगे जो पंजाब का हिस्सा थे.'
सीएम बोले- जांच कराएंगे
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में कहा है कि राज्य में कई पत्रकारों और अन्य लोगों द्वारा प्राप्त टेलीफोन कॉल की जांच की जाएगी. ठाकुर ने कहा, सरकार इस पर बारीकी से गौर करेगी. उन्होंने कहा कि अगर कुछ पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी.
एजेंसी को जांच के निर्देश देने के सवाल पर सीएम जयराम ने कहा कि उन्होंने अभी तक किसी एजेंसी से बात नहीं की है, लेकिन एक एजेंसी निश्चित रूप से इसकी जांच करेगी. ऐसी धमकियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
इस बीच, हिमाचल पुलिस ने कहा है कि उसने कॉल की जांच के लिए अपने साइबर अपराध विशेषज्ञों को सक्रिय कर दिया है. हिमाचल प्रदेश पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, 'हमें कुछ पत्रकारों को भेजे गए पर्यवेक्षकों से प्रो खालिस्तानी तत्वों से पूर्व-रिकॉर्डेड संदेश प्राप्त हो रहे हैं.'
पुलिस ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के सहयोग से हिमाचल प्रदेश पुलिस राज्य को सुरक्षित करने और राष्ट्र विरोधी तत्वों को शांति और सुरक्षा को विफल करने से रोकने में पूरी तरह सक्षम है.
कुछ लोगों के पास भी आए धमकीभरे फोन
पानून ने किसानों और खालिस्तान समर्थक सिखों से भी कहा कि वे जयराम ठाकुर को तिरंगा नहीं फहराने दें. हिमाचल प्रदेश में कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास भी ऐसे फोन कॉल आए हैं. पुलिस ने इस धमकी के बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है.
अमेरिका स्थित एसएफजे अपने अलगाववादी एजेंडा के तौर पर सिख जनमत संग्रह 2020 की मांग करता है. समूह का लक्ष्य पंजाब में 'स्वतंत्र एवं संप्रभु' देश बनाना है. यह खालिस्तान बनाने के इरादों का खुलेआम समर्थन करता है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता को चुनौती देता है.
(पीटीआई-भाषा)