शिमला: सुक्खू कैबिनेट ने नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इस फैसले के बाद ये तय है कि प्रदेश में शराब के ठेकों की नीलामी होगी. सरकार के मुताबिक इस फैसले से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. सोमवार को शिमला में सुक्खू कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें सभी मंत्रियों ने शिरकत की. बैठक में कुछ अन्य फैसले भी लिए गए हैं.
हिमाचल में लगेगा वाटर सेस- हिमाचल कैबिनेट ने वाटर सेस लगाने को भी मंजूरी दे दी है. ये सेस 10 मार्च 2023 से हाइड्रो पावर प्रोजेक्टस पर लगेगा. जिससे सरकार सालाना 1000 करोड़ अधिक राजस्व जुटाएगी. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हिमाचल में कुल 10,999 मेगावाट के कुल 172 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट हैं. ये सेस रेवेन्यु जनरेट करने के लिए किया गया है क्योंकि आज हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का कर्ज है. साथ ही 11 हजार करोड़ की देनदारी कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों पर है, जो पूर्व की सरकार छोड़कर गई है. प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए ये फैसला लिया गया है. हर्षवर्धन चौहान के मुताबिक उस पानी पर सेस लगाया जा रहा है जो हमारे प्रदेश का है. पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर ने भी ऐसा ही किया है. वाटर सेस से जुड़ा बिल आगामी बजट सत्र में सदन में पेश होगा, हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से शुरू हो रहा है.
शराब के ठेकों की होगी नीलामी- कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कैबिनेट में इस बात पर विस्तार से चर्चा हुई कि शराब के ठेकों की नीलामी हो या फिर पूर्व की बीजेपी सरकार की तरह 10% सालाना इजाफे के साथ रिन्यूअल किया जाए. कैबिनेट ने फैसला लिया है कि हिमाचल प्रदेश के ठेकों की ऑक्शन के माध्यम से नीलामी होगी. विभाग के मुताबिक 10 फीसदी इजाफे के साथ 2357 करोड़ रुपये के अर्जित करने का अनुमान था लेकिन कैबिनेट ने शराब के ठेकों की नीलामी का फैसला लिया है. इससे 10% की बजाय 15 से 20% का फायदा हो सकता है.
HRTC के बेड़े में जुड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें- कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जाएंगी. गौरतलब है कि 31 मार्च को एचआरटीसी की 202 बसें कंडम हो रही हैं, जिसकी जगह नई इल्केट्रिक बसें लेंगी. कैबिनेट ने इसके लिए एचआरटीसी से रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का फैसला लिया था जिसके तहत प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया जाएगा. ये फैसला इसी के तहत लिया गया है.
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