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कर्नाटक हिजाब विवाद : छात्राएं अपनी मांग पर अड़ीं

उडुपी में संवाददाताओं से बातचीत में छात्राओं ने कहा कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है. ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने का सुझाव देना भेदभावपूर्ण है और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं.

Hijab row Karnataka govt
कर्नाटक हिजाब विवाद
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Published : Jan 27, 2022, 10:41 PM IST

मेंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी जिले स्थित पीयू कॉलेज की छह छात्राओं ने कॉलेज विकास समिति के उस सुझाव को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि अगर वे कक्षा में हिजाब पहनने के फैसले पर अडिग हैं तो ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प चुनें. कॉलेज प्राधिकारियों द्वारा कक्षा में हिजाब पहनने की इजाजत न दिए जाने के विरोध में छात्राएं पिछले चार हफ्ते से कक्षाओं का बहिष्कार कर रही हैं.

उडुपी में संवाददाताओं से बातचीत में छात्राओं ने कहा कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है. ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने का सुझाव देना ‘भेदभावपूर्ण’ है और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं. छात्राओं ने दावा किया कि बिना हिजाब के कक्षा में शामिल होने वाली समुदाय की अन्य छात्राएं समस्याओं में घिरने के डर से विरोध नहीं जता रही हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा और अधिकार दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.

पढ़ेंःकर्नाटक में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को क्लास में जाने से रोका

बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार (Basavaraja Bommai-led the Karnataka government) ने कक्षाओं के अंदर हिजाब (या बुर्का) से जुड़े मुद्दे को हल करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. उडुपी जिले के महिला सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की 6 मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया क्योंकि यह स्कूल की नीतियों के खिलाफ था. सरकार के आदेश में कहा गया था कि उडुपी में महिला सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के सभी छात्रों को इस मुद्दे पर समिति का फैसला होने तक वर्दी नियम का पालन करना चाहिए.

इस मुद्दे को हल करने के लिए छात्रों, अभिभावकों, सरकारी अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन के बीच एक बैठक होनी थी. लेकिन 19 जनवरी की बैठक बिना किसी आम सहमति के संपन्न हो गई. राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के अनुसार, कॉलेज में वर्दी तीन दशकों से अधिक समय से है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को 'अचानक उकसाया' गया. इस सरकारी कॉलेज में पिछले एक महीने से छात्र (जो हिंदू धर्म के हैं) कक्षाओं के भीतर बुर्का पहनने के लिए महिला मुस्लिम छात्रों का विरोध कर रहे हैं. कुछ संगठन (जैसे एबीवीपी) भी प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन कर रहे हैं.

मेंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी जिले स्थित पीयू कॉलेज की छह छात्राओं ने कॉलेज विकास समिति के उस सुझाव को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि अगर वे कक्षा में हिजाब पहनने के फैसले पर अडिग हैं तो ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प चुनें. कॉलेज प्राधिकारियों द्वारा कक्षा में हिजाब पहनने की इजाजत न दिए जाने के विरोध में छात्राएं पिछले चार हफ्ते से कक्षाओं का बहिष्कार कर रही हैं.

उडुपी में संवाददाताओं से बातचीत में छात्राओं ने कहा कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है. ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने का सुझाव देना ‘भेदभावपूर्ण’ है और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं. छात्राओं ने दावा किया कि बिना हिजाब के कक्षा में शामिल होने वाली समुदाय की अन्य छात्राएं समस्याओं में घिरने के डर से विरोध नहीं जता रही हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा और अधिकार दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.

पढ़ेंःकर्नाटक में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को क्लास में जाने से रोका

बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार (Basavaraja Bommai-led the Karnataka government) ने कक्षाओं के अंदर हिजाब (या बुर्का) से जुड़े मुद्दे को हल करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. उडुपी जिले के महिला सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की 6 मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया क्योंकि यह स्कूल की नीतियों के खिलाफ था. सरकार के आदेश में कहा गया था कि उडुपी में महिला सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के सभी छात्रों को इस मुद्दे पर समिति का फैसला होने तक वर्दी नियम का पालन करना चाहिए.

इस मुद्दे को हल करने के लिए छात्रों, अभिभावकों, सरकारी अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन के बीच एक बैठक होनी थी. लेकिन 19 जनवरी की बैठक बिना किसी आम सहमति के संपन्न हो गई. राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के अनुसार, कॉलेज में वर्दी तीन दशकों से अधिक समय से है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को 'अचानक उकसाया' गया. इस सरकारी कॉलेज में पिछले एक महीने से छात्र (जो हिंदू धर्म के हैं) कक्षाओं के भीतर बुर्का पहनने के लिए महिला मुस्लिम छात्रों का विरोध कर रहे हैं. कुछ संगठन (जैसे एबीवीपी) भी प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन कर रहे हैं.

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