लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मुस्लिम महिलाओं से 'हिजाब' और 'पर्दा' के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के लिए आगे आने की अपील की है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना उमरेन ने एक सोशल मीडिया सेशन में कहा कि हिजाब का विरोध करने वालों का मुकाबला करने के लिए मुस्लिम महिलाओं को बताना चाहिए कि आप हिजाब से पीड़ित नहीं हैं बल्कि सम्मानित और स्वतंत्र हैं. आपकी सफलता सभी मुसलमानों की सफलता है.
उन्होंने कहा कि हिजाब एक मुस्लिम सम्मानित महिला की पहचान है. यह उसे समाज के शैतानी पहलुओं से रक्षा करता है. महिलाओं से हिजाब पहनने का अपील करते हुए मौलाना उमरेन के कहा कि जो समाज नग्नता को गले लगाने की ओर गया, वह नष्ट हो गया और अल्लाह के गुस्से का शिकार हो गया. उन्होंने दावा किया कि इस्लाम ने महिलाओं को घर से बाहर निकलने से नहीं रोका है. मगर उन्होंने कहा कि महिलाएं इस तरह घर से निकलें, आपके मान-सम्मान में कोई बाधा न आए. यह वही है जो इस्लाम को पसंद है.
मुस्लिम महिलाओं से मौलाना ने कहा कि अगर आप 'हिजाब' और 'पर्दा' को अपनी लाइफ स्टाइल में अपनाती हैं तो यह इसके खिलाफ नफरत का मुकाबला करेगा.
बता दें यह विवाद कर्नाटक में पिछले महीने तब शुरू हुआ था जब उडुपी के एक शिक्षण संस्थान में छात्राओं को हिजाब उतार कर कक्षाओं में आने के लिए कहा गया था, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया था. इसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. कुछ हिंदू छात्र हिजाब के जवाब में भगवा शॉल पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में आ रहे हैं. इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों से भी आए. हिजाब विवाद गहराता देख कर्नाटक सरकार को स्कूल और कॉलेज बंद करने पड़े थे. इस घटना को लेकर मुस्लिम संगठनों, राजनेताओं के अलावा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने बयानबाजी की. उत्तरप्रदेश चुनाव के दौरान भाषणों में नेताओं ने इस पर टिप्पणी की थी.
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