नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बड़ी बैठक बुलाई. इसमें गृह सचिव अजय भल्ला, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार की योजनाओं की 90% पहुँच की सराहना की.
शाह ने कहा कि शरणार्थी पैकेज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, पश्चिम पाकिस्तान व कश्मीर से जम्मू आए सभी शरणार्थियों को जल्दी से जल्दी मिले. प्रधानमंत्री विकास पैकेज, औद्योगिक विकास की परियोजनाओं सहित अन्य कई विकास योजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करने को कहा गया है.
3000 मेगावाट की पाकल डुल व कीरू जल-विद्युत परियोजना को फास्ट ट्रैक करने के साथ 3300 मेगावाट की अन्य योजनाओं को शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.
किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल और प्रत्येक जिले में कम से कम एक कृषि आधारित उद्योग लगाने की बात कही गई है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना, जिसके अंतर्गत किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 6000/- रुपये जमा किए जाते हैं तथा किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत सभी किसानों को इन योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें.
शाह ने बैठक में शामिल अधिकारियों को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दी जाए और उन्हें भारत के दूसरे हिस्सों में भ्रमण कराया जाए, विशेषकर वहां जो पंचायत मॉडल माने जाते हैं.
शाह ने पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के सुदृढ़ीकरण तथा उनके सदस्यों के प्रशिक्षण व उनके सुचारुरूप से कार्य करने के लिए बैठने की उचित व्यवस्था और उपकरण तथा अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
बैठक में जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, रॉ के प्रमुख सामंत गोयल और सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह भी मौजूद थे.