लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को राज्य सरकार को नगर निकाय चुनाव के लिए गठित की गई यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट को चार दिनों में नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है. इस आदेश के साथ न्यायालय ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण सम्बंधी 30 मार्च की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को निस्तारित कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी जनपद के विकास अग्रवाल की याचिका पर पारित किया. याचिका में 30 मार्च को आरक्षित सीटों के लिए जारी अधिसूचना में नगर पंचायत निघासन की सीट आरक्षित किए जाने को चुनौती दी गई थी. कहा गया था कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक ही नहीं किया गया और 30 मार्च की अधिसूचना पर आपत्ति दाखिल करने के लिए 6 अप्रैल की अंतिम तिथि नियत कर दी गई.
दलील दी गई थी कि यह भी स्पष्ट ही नहीं किया गया कि कौन सी पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं और पिछड़ा वर्ग की सूची भी उपलब्ध नहीं कराई गई. कहा गया था कि रिपोर्ट के उपलब्ध न होने की वजह से याची 30 मार्च की अधिसूचना पर संतोषजनक आपत्ति नहीं दाखिल कर सका.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय को सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गई जिसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए लंच के पश्चात लेने के लिए कहा. लंच के पश्चात दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पारित अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि चूंकि हमने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को देख लिया है लेकिन इसे चुनौती नहीं दी गई है लिहाजा हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. न्यायालय ने याची को गुरूवार को ही 30 मार्च की अधिसूचना के संबंध में अपनी पूरक आपत्ति दाखिल करने की अनुमति भी दी.
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