चंडीगढ़ : लॉकडाउन के दौरान शादी करने वाले प्रेमी जोड़े और शादी कराने वाले पंड़ित पर फरीदाबाद जिला कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. अब पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट के इस आदेश को गलत करार देते हुए एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने कहा कि अगर नियमों का पालन किया गया हो तो लॉकडाउन में विवाह करना भी अपराध नहीं है.
7 मई, 2020 को प्रेमी जोड़े ने की थी शादी
दरअसल, लोकेश और सोनिया और पंडित राकेश की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसमें उन पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की अपील की गई थी. उन्होंने फरीदाबाद के आर्य समाज मंदिर में 7 मई 2020 को शादी की थी. शादी के बाद प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा के लिए फरीदाबाद जिला अदालत में याचिका दाखिल की थी.
जिला कोर्ट ने दिए थे आदेश
अदालत ने जोड़े की सुरक्षा से जुड़ी याचिका तो मंजूर कर ली थी लेकिन शादी लॉकडाउन के दौरान हुई थी इसे आधार बनाते हुए प्रेमी जोड़े और शादी करवाने वाले पंडित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी कोर्ट की ओर से जारी किया गया था.
कोर्ट ने कहा था कि शादी के लिए अधिकारियों से अनुमति नहीं ली गई और ऐसे में तीनों पर केस चलना चाहिए.
पढ़ें- छात्र की मौत मामले में आयोग ने कहा, दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करे सरकार
दंपती का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान विवाह में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति का प्रावधान था. ऐसे में विवाह आयोजित करने के लिए पूर्व अनुमति की कोई अनिवार्यता नहीं थी. विवाह में सिर्फ दंपति, दो गवाह और पंडित मौजूद थे.