ETV Bharat / bharat

उच्च न्यायालय ने सीबीआई के कामकाज में और स्वायत्तता की वकालत की

मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीआई को बिना सरकारी नियंत्रण के और सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करने वाले विभागों के समकक्ष कामकाज में स्वायत्ता देने की बात कही. पढ़ें पूरी खबर...

author img

By

Published : Aug 18, 2021, 7:47 PM IST

Madras HC
Madras HC

मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बिना सरकारी नियंत्रण के और सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करने वाले विभागों के समकक्ष कामकाज में स्वायत्ता देने का पक्ष लिया है.

उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मंगलवार को कहा कि अदालत जब भी कोई गंभीर मामला एजेंसी को सौंपना चाहती है तो वह पीछे हट जाती है क्योंकि जांच के लिए इसके पास संसाधनों और मानव बल की कमी है.

न्यायमूर्ति एन. किरूबाकरन और न्यायमूर्ति बी. पुगालेंदी ने कहा कि एजेंसी को सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के बगैर कामकाज में स्वतंत्र बनाया जाना चाहिए. इसके निदेशक को सरकार के सचिव के बराबर शक्ति दी जानी चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री या संबंधित मंत्री को रिपोर्ट करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई को स्वायत्त दर्जा देने के लिए विशेष कानून बनाने की जरूरत है.

अदालत तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के याचिकाकर्ताओं की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 300 करोड़ रुपये की ठगी के एक मामले को सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपने का आग्रह किया गया.

पढ़ें :- मद्रास HC ने बांग्लादेशी हिंदू को हिरासत से छोड़ने का दिया आदेश

न्यायाधीशों ने कहा, 'यह वजह (संसाधनों एवं मानव बल की कमी) अदालत के समक्ष बार-बार दोहराई जाती है.' न्यायाधीशों ने सुझाव दिया कि प्रतिष्ठित एजेंसी को इतना सुसज्जित किया जाए कि यह अमेरिका की एफबीआई और स्कॉटलैंड यार्ड के बराबर हो जाए.

(पीटीआई-भाषा)

मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बिना सरकारी नियंत्रण के और सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करने वाले विभागों के समकक्ष कामकाज में स्वायत्ता देने का पक्ष लिया है.

उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मंगलवार को कहा कि अदालत जब भी कोई गंभीर मामला एजेंसी को सौंपना चाहती है तो वह पीछे हट जाती है क्योंकि जांच के लिए इसके पास संसाधनों और मानव बल की कमी है.

न्यायमूर्ति एन. किरूबाकरन और न्यायमूर्ति बी. पुगालेंदी ने कहा कि एजेंसी को सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के बगैर कामकाज में स्वतंत्र बनाया जाना चाहिए. इसके निदेशक को सरकार के सचिव के बराबर शक्ति दी जानी चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री या संबंधित मंत्री को रिपोर्ट करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई को स्वायत्त दर्जा देने के लिए विशेष कानून बनाने की जरूरत है.

अदालत तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के याचिकाकर्ताओं की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 300 करोड़ रुपये की ठगी के एक मामले को सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपने का आग्रह किया गया.

पढ़ें :- मद्रास HC ने बांग्लादेशी हिंदू को हिरासत से छोड़ने का दिया आदेश

न्यायाधीशों ने कहा, 'यह वजह (संसाधनों एवं मानव बल की कमी) अदालत के समक्ष बार-बार दोहराई जाती है.' न्यायाधीशों ने सुझाव दिया कि प्रतिष्ठित एजेंसी को इतना सुसज्जित किया जाए कि यह अमेरिका की एफबीआई और स्कॉटलैंड यार्ड के बराबर हो जाए.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.