नई दिल्ली : महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत कई धरोहर इमारतों को पुनर्निर्मित किया जाएगा और उनमें से कई को संग्रहालय के रूप में उपयोग किया जाएगा. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के अधिकारियों ने गुरुवार को नई दिल्ली में 'ईटीवी भारत' को इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 'केंद्रीय विस्टा विकास और पुनर्विकास योजना के अनुसार अब तक विकसित किए गए उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में धरोहर इमारतों को बनाए रखा जाएगा और राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए उपयोग किया जाएगा.'
राष्ट्रीय अभिलेखागार की हेरिटेज बिल्डिंग को भी बरकरार रखा जाएगा. मौजूदा राष्ट्रीय संग्रहालय को उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) को अस्थायी रूप से नवीनीकृत जनपथ होटल के भवन में रखा जाएगा और अंत में इसे जामनगर हाउस के भूखंड पर बनने वाले नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
हालांकि हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री को मौजूदा कृषि भवन, निर्माण भवन के भाग्य पर अंतिम फैसला लेना बाकी है. पिछले दो महीनों में नए संसद भवन और केंद्रीय विस्टा एवेन्यू परियोजनाओं के निर्माण के लिए विरासत संरक्षण समिति (एचसीसी) से मंजूरी मिल गई है.
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की केंद्रीय विस्टा परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच 3 किमी लंबे राजपथ का पुनर्निमाण करना है. इसके तहत सभी केंद्रीय सरकारी अधिकारियों को घर देने के लिए नया केंद्रीय सचिवालय बनाना है.
इस प्रोजेक्ट के तहत ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता वाला नया संसद भवन होगा. उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यालय और आवास भी होंगे.
20,000 करोड़ रुपये की है परियोजना
20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना 2024 तक पूरी होने की संभावना है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) परियोजना पर काम कर कर रहा है. अधिकारियों के अनुसार, विज्ञान भवन, जवाहरलाल नेहरू भवन (वर्तमान में विदेश मंत्रालय) जैसे भवन के ध्वस्त होने की संभावना है.
अधिकारियों ने कहा, 'इंडिया गेट के आसपास कई अन्य मौजूदा इमारतों को ध्वस्त कर दिया जाएगा.'
गौरतलब है कि 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 2022 तक नए संसद भवन का निर्माण होगा. नई राज्यसभा में 384 सीटों की क्षमता होगी, जबकि लोकसभा में बैठने की क्षमता 888 होगी. संयुक्त सत्रों की मेजबानी के लिए 1272 सीटों तक की अतिरिक्त क्षमता होगी.
बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सरकार ने अभी तक इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत ध्वस्त किए गए या फिर से बनाए गए भवनों की संख्या को अंतिम रूप नहीं दिया है.
पढ़ें- 'सेंट्रल विस्टा' पर विपक्ष की सियासत, जानें क्या कहते हैं प्रोफेसर वैद्य
हिसारिटेशन कंज़र्वेशन कमेटी छह हेरिटेज इमारतें हैं जो इंडिया गेट, इंडिया गेट कैनोपी, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, पार्लियामेंट हाउस और कैंपस, सेंट्रल विस्टा प्रीटिक्स, नेशनल स्टेडियम और कैंपस सहित प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत आती हैं.
राज्यों के लिए प्रेरणा मॉडल हो सकती परियोजना : प्रो. पांडे
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के प्रोफेसर डॉ. केके पांडे ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि 'हेरिटेज कमेटी इस मामले को देख रही है, मेरे हिसाब से जहां भी बिल्डिंग का बचाव करने के साथ रिक्रोफिटिंग का स्कोप हैं, वहां किया जाना चाहिए. बहुत से सरकारी कार्यालय किराए के भवनों में चल रहे हैं. सरकार को इन क्षेत्रों में उन्हें लाने पर ज्यादा जगह मिलेगी. साथ ही पुरीनी बिल्डिंगों को ठीक करने का मौका मिलेगा.'
उन्होंने कहा कि 'सेंट्रल विस्टा परियोजना सभी राज्य सरकारों के लिए प्रेरणा मॉडल हो सकती है.'
उन्होंने कहा कि 'यह विस्टा परियोजना कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का एक मॉडल हो सकती है जहां अन्य धरोहर इमारतें मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि ये लंबी अवधि की परियोजना है. इस तरह की परियोजना की आवश्यकता भी थी.