हिंगोली : मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हिंगोली सांसद हेमंत पाटिल ( Hingoli MP Hemant Patil) ने इस्तीफा दे दिया है. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कुछ प्रदर्शनकारी सांसद पाटिल से मिलने पहुंचे थे. उस वक्त प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि उन्हें सांसद पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके बाद हेमंत पाटिल ने तुरंत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नाम अपना इस्तीफा भेज दिया.
-
Maharashtra | Shiv Sena MP Hemant Patil resigns from the post of MP in support of the ongoing movement in the state demanding Maratha reservation. He sent his resignation to Lok Sabha Speaker Om Birla
— ANI (@ANI) October 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Maharashtra | Shiv Sena MP Hemant Patil resigns from the post of MP in support of the ongoing movement in the state demanding Maratha reservation. He sent his resignation to Lok Sabha Speaker Om Birla
— ANI (@ANI) October 29, 2023Maharashtra | Shiv Sena MP Hemant Patil resigns from the post of MP in support of the ongoing movement in the state demanding Maratha reservation. He sent his resignation to Lok Sabha Speaker Om Birla
— ANI (@ANI) October 29, 2023
बता दें कि हेमंत पाटिल शिवसेना के टिकट पर हिंगोली लोकसभा क्षेत्र से चुने गए हैं. मराठा आरक्षण के लिए दिया गया यह पहला इस्तीफा है. मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक लोगों ने सांसद हेमंत पाटिल का घेराव किया और उनके इस्तीफे की मांग की थी. इसके बाद ही पाटिल ने यह कदम उठाया. बताया जाता है कि सांसद पाटिल यवतमाल के पोफली में वसंत सहकारी चीनी फैक्ट्री आए थे. उस समय वे मराठा प्रदर्शनकारियों से घिरे हुए थे. इसी दौरा मराठा प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए.
हालांकि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली में सांसदों की बैठक बुलाई गई है. इससे पहले सांसद हेमंत पाटिल के काफिले को रविवार को हदगांव में मराठा प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया था. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने सांसद पाटिल से मांग की थी कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए. इस पर सांसद पाटिल ने कहा था कि वह मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दो दिन बाद दिल्ली में भूख हड़ताल करेंगे.
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का रविवार को पांचवां दिन था. वहीं जरांगे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उसके पास दो विकल्प बचे हैं, एक मराठा समुदाय को आरक्षण दें या मराठों का सामना करें.
ये भी पढ़ें - दिल्ली गए रघुवर दास, बीजेपी के सभी पदों से देंगे इस्तीफा, 31 अक्टूबर को ओडिशा के राज्यपाल पद की लेंगे शपथ