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दक्षिण गुजरात में भारी बारिश, 21 जुलाई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह

दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई जिसके बाद कई जगहों पर पानी भर गया. तेज बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 18, 2021, 5:23 PM IST

वलसाड : दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और वलसाड, वापी तथा नवसारी में कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से मंगलवार सुबह तक राज्य के विभिन्न हिस्सो में भारी बारिश होने की संभावन जताई गई है.

विभाग के कहा, दक्षिण गुजरात और आसपास के क्षेत्र में समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती दबाव का क्षेत्र बन रहा है. विभाग ने 21 जुलाई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. वलसाड जिले के उमरगाम और वापी के निचले इलाकों में पानी भर गया तथा सड़कों पर जलजमाव हो गया जिससे यातायात प्रभावित रहा. वलसाड और वापी में कई बाजार तथा आवासीय क्षेत्र में भी जलभराव की स्थिति है.

इसके अलावा नवसारी जिले के चिखली, गणदेवी और खेरगाम तालुका तथा सूरत के कामरेज और बारडोली में भी भारी बारिश हुई. राज्य आपदा परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार वलसाड जिले के वापी तालुका में सुबह छह बजे से छह घंटे में 226 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इसी दौरान उमरगाम में 232 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

एसईओसी के अधिकारियों ने बताया कि वलसाड तालुका में 143 मिलीमीटर बरसात हुई और जलालपुर में 146 मिलीमीटर बारिश हुई. इनके अलावा नवसारी तालुका में 120 मिलीमीटर, नवसारी के गणदेवी में 119 मिलीमीटर और सूरत के कामरेज में 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. वलसाड के अतिरिक्त जिलाधिकारी एन ए राजपूत के अनुसार, जिले के उमरगाम, वलसाड और वापी तालुका में सुबह से भारी बारिश हो रही है.

पढ़ें :- चेंबूर-विक्रोली में दीवार ढहने से 21 की मौत, राष्ट्रपति व पीएम ने जताई संवेदना

उन्होंने कहा, निचले इलाकों में हमारी टीम तैनात है. बारिश अभी रुकी है और कई क्षेत्रों से पानी निकलना शुरू हो गया है. अग्निशमन विभाग के दलों को भी महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों की मदद की जा सके.

आईएमडी के अनुसार, अब तक गुजरात में 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है. आईएमडी ने अलग से जारी एक विज्ञप्ति में मछुआरों को 21 जुलाई तक उत्तर और दक्षिण गुजरात के तटों से अरब सागर में नहीं जाने की सलाह दी है. मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

(पीटीआई-भाषा)

वलसाड : दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और वलसाड, वापी तथा नवसारी में कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से मंगलवार सुबह तक राज्य के विभिन्न हिस्सो में भारी बारिश होने की संभावन जताई गई है.

विभाग के कहा, दक्षिण गुजरात और आसपास के क्षेत्र में समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती दबाव का क्षेत्र बन रहा है. विभाग ने 21 जुलाई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. वलसाड जिले के उमरगाम और वापी के निचले इलाकों में पानी भर गया तथा सड़कों पर जलजमाव हो गया जिससे यातायात प्रभावित रहा. वलसाड और वापी में कई बाजार तथा आवासीय क्षेत्र में भी जलभराव की स्थिति है.

इसके अलावा नवसारी जिले के चिखली, गणदेवी और खेरगाम तालुका तथा सूरत के कामरेज और बारडोली में भी भारी बारिश हुई. राज्य आपदा परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार वलसाड जिले के वापी तालुका में सुबह छह बजे से छह घंटे में 226 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इसी दौरान उमरगाम में 232 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

एसईओसी के अधिकारियों ने बताया कि वलसाड तालुका में 143 मिलीमीटर बरसात हुई और जलालपुर में 146 मिलीमीटर बारिश हुई. इनके अलावा नवसारी तालुका में 120 मिलीमीटर, नवसारी के गणदेवी में 119 मिलीमीटर और सूरत के कामरेज में 118 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. वलसाड के अतिरिक्त जिलाधिकारी एन ए राजपूत के अनुसार, जिले के उमरगाम, वलसाड और वापी तालुका में सुबह से भारी बारिश हो रही है.

पढ़ें :- चेंबूर-विक्रोली में दीवार ढहने से 21 की मौत, राष्ट्रपति व पीएम ने जताई संवेदना

उन्होंने कहा, निचले इलाकों में हमारी टीम तैनात है. बारिश अभी रुकी है और कई क्षेत्रों से पानी निकलना शुरू हो गया है. अग्निशमन विभाग के दलों को भी महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों की मदद की जा सके.

आईएमडी के अनुसार, अब तक गुजरात में 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है. आईएमडी ने अलग से जारी एक विज्ञप्ति में मछुआरों को 21 जुलाई तक उत्तर और दक्षिण गुजरात के तटों से अरब सागर में नहीं जाने की सलाह दी है. मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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