हैदराबाद: चुनावों पर खर्च समय के साथ बढ़ता जा रहा है. इस बार तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर भारी खर्च का अनुमान है. इस बार तेलंगाना चुनाव में सुरक्षा पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. पिछले चुनाव में यह रकम 100 करोड़ रुपये थी. चुनाव ड्यूटी में भाग लेने वाली राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्र और अन्य राज्यों से आने वाली फोर्स के भत्ते और वाहनों का खर्च राज्य सरकार वहन करती है.
चुनाव शेड्यूल जारी होने से लेकर मतगणना पूरी होने और परिणाम घोषित किए जाने तक सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद रखना पड़ती है. तेलंगाना का वामपंथी प्रभाव वाला राज्य होने के कारण सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है. मतदान को प्रभावित करने के लिए पैसे के खेल पर रोक लगाने के लिए जांच पड़ताल तेज कर दी गई. साथ-साथ मादक पदार्थ और उपद्रवियों पर रोक के लिए भी पुलिस सतर्क है.
चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में विशेष चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं. राज्य पुलिस के जवानों की संख्या जहां 60,000 तक है वहीं केंद्र से अर्धसैनिक बलों की 300 कंपनियां मांगी गई हैं. अन्य 10,000 पुलिसकर्मी आसपास के राज्यों से लाए जाएंगे. राज्य में 9 अक्टूबर से निरीक्षण के लिए 373 उड़न दस्ते, 374 निगरानी दल और 95 अंतरराज्यीय चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं.
केंद्र से अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां पहले ही आ चुकी हैं. मेडक के सांसद कोथा प्रभाकर रेड्डी पर हमले के बाद चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने वाले नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही सार्वजनिक बैठकों में जाँच तेज कर दी गई. इधर, माओवादियों का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. इसलिए एहतियात के तौर पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर लगातार कॉम्बिंग की जा रही है.