ETV Bharat / bharat

25 जनवरी को होगी धर्मांतरण विरोधी कानून की वैधता पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई

धर्मांतरण विरोधी कानून की वैधता पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 25 जनवरी को सुनवाई होगी. हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में धर्मांतरण विरोधी कानून को संविधान के खिलाफ और गैर जरूरी बताते हुए इसे चुनौती दी गई है.

Hearing on validity of anti-conversion law
25 को होगी अगली सुनवाई
author img

By

Published : Jan 18, 2021, 3:33 PM IST

प्रयागराज : यूपी सरकार के नए धर्मांतरण विरोधी कानून (लव जेहाद के खिलाफ कानून) की वैधता की चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 25 जनवरी को सुनवाई होगी. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने दिया है.

25 जनवरी तक टली सुनवाई

दअसल, कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रही है. सभी याचिकाओं को स्थानान्तरित कर एक साथ सुने जाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. इसलिए अर्जी तय होने तक सुनवाई स्थगित की जाए. जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी की है, अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है, सुनवाई पर रोक नहीं है. इसके बाद हाई कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की शीघ्र सुनवाई होनी है. जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है.

राज्य सकार ने दाखिल किया जवाब

इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है और बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कानून के क्रियान्वयन पर अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है.

याचिका में क्या है

याचिकाओं में धर्मांतरण विरोधी कानून को संविधान के खिलाफ और गैर जरूरी बताते हुए चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि यह कानून व्यक्ति की अपनी पसंद व शर्तों पर किसी भी व्यक्ति के साथ रहने व धर्म या पंथ अपनाने के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है, इसलिए इसे रद्द किया जाए. क्योंकि इस कानून का दुरूपयोग किया जा सकता है.

पढ़े: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ट्रैक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस ले फैसला, बुधवार तक टली सुनवाई

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार का कहना है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन से कानून व्यवस्था व सामाजिक स्थिति खराब न हो इसके लिए कानून लाया गया है, जो पूरी तरह से संविधान सम्मत है. इससे किसी के मूल अधिकारों का हनन नहीं होता है, बल्कि नागरिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है. इससे छल-छद्म के जरिए धर्मांतरण पर रोक लगाने की व्यवस्था की गई है. जनहित याचिकाओं की सुनवाई 25 जनवरी को होगी.

प्रयागराज : यूपी सरकार के नए धर्मांतरण विरोधी कानून (लव जेहाद के खिलाफ कानून) की वैधता की चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 25 जनवरी को सुनवाई होगी. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने दिया है.

25 जनवरी तक टली सुनवाई

दअसल, कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रही है. सभी याचिकाओं को स्थानान्तरित कर एक साथ सुने जाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. इसलिए अर्जी तय होने तक सुनवाई स्थगित की जाए. जिस पर हाई कोर्ट ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी की है, अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है, सुनवाई पर रोक नहीं है. इसके बाद हाई कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की शीघ्र सुनवाई होनी है. जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया है.

राज्य सकार ने दाखिल किया जवाब

इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है और बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कानून के क्रियान्वयन पर अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है.

याचिका में क्या है

याचिकाओं में धर्मांतरण विरोधी कानून को संविधान के खिलाफ और गैर जरूरी बताते हुए चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि यह कानून व्यक्ति की अपनी पसंद व शर्तों पर किसी भी व्यक्ति के साथ रहने व धर्म या पंथ अपनाने के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है, इसलिए इसे रद्द किया जाए. क्योंकि इस कानून का दुरूपयोग किया जा सकता है.

पढ़े: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ट्रैक्टर रैली पर दिल्ली पुलिस ले फैसला, बुधवार तक टली सुनवाई

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार का कहना है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन से कानून व्यवस्था व सामाजिक स्थिति खराब न हो इसके लिए कानून लाया गया है, जो पूरी तरह से संविधान सम्मत है. इससे किसी के मूल अधिकारों का हनन नहीं होता है, बल्कि नागरिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है. इससे छल-छद्म के जरिए धर्मांतरण पर रोक लगाने की व्यवस्था की गई है. जनहित याचिकाओं की सुनवाई 25 जनवरी को होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.