ETV Bharat / bharat

MP पंचायत चुनाव: OBC आरक्षण पर नहीं होगा चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को दिए निर्देश - OBC आरक्षण पर नहीं होगा चुनाव

मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव 2022 के एलान होने के बाद से ही चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती दी जा रही थी. आरक्षण, रोटेशन और पुराने परिसीमन पर चुनाव कराने का विरोध करते हुए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चुनाव OBC आरक्षण के आधार पर नहीं होगा. SC ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि वह कानून के दायरे में चुनाव संपन्न कराए. कानून का पालन न करने पर सुप्रीम कोर्ट चुनाव को रद्द भी कर सकता है.

MP Panchayat election
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (फाइल फोटो)
author img

By

Published : Dec 17, 2021, 5:53 PM IST

भोपाल : एमपी पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण पर अपना रुख साफ कर दिया है. SC ने कहा है कि चुनाव OBC आरक्षण के आधार पर नहीं होगा. SC ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि वह कानून के दायरे में चुनाव समपन्न कराए और ओबीसी सीट को सामान्य सीट ही माना जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि कानून का पालन न करने पर चुनाव रद्द भी किया जा सकता है. याचिका पर अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.

कांग्रेस ने कल फिर से सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल की थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रक्रिया सहित अन्य प्रक्रिया का पालन नहीं करने के खिलाफ याचिका (Hearing in Supreme Court on MP Panchayat election petition ) भोपाल के मनमोहन नायर और गाडरवाडा के संदीप पटेल सहित कुल पांच याचिकाकर्ताओं ने फाइल की थी. जिसपर वरिष्ठ वकील और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. एमपी हाईकोर्ट में याचिका पर आपात सुनवाई नहीं होने के बाद याचिकाकर्ताओं ने गुरुवार 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राज्य चुनाव आयोग को कानून के दायरे में रहकर चुनाव संपन्न कराने को कहा है.

ये भी पढ़ें - Delhi Riots Case : हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, नेताओं पर एफआईआर को लेकर तीन महीने में करें फैसला

हाई कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग से कर दिया था इनकार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को सभी याचिकाकर्ता जबलपुर हाईकोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के रोटेशन सहित अन्य नियमों का पालन नहीं करने का मामला उठाते हुए चुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं ने चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की पीठ से अर्जेंट हीयरिंग की मांग की थी. हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए तीन जनवरी की अगली तारीख तय कर दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.

यहां फंसा है पेंच

भोपाल के मनमोहन नायर और गाडरवाडा के संदीप पटेल सहित पांच अन्य याचिकाकर्ताओं ने तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव की वैधानिकता को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है राज्य सरकार ने 2014 के आरक्षण रोस्टर से चुनाव करवाने के संबंध में अध्यादेश पारित किया है, जोकि असंवैधानिक है. 2019 में राज्य सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नए सिरे से आरक्षण लागू किया था. बिना इस अध्यादेश को समाप्त किए, दूसरा अध्यादेश लाकर 2022 का पंचायत चुनाव 2014 के आरक्षण के आधार पर कराने का निर्णय लिया गया है, जोकि असंवैधानिक है.

भोपाल : एमपी पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण पर अपना रुख साफ कर दिया है. SC ने कहा है कि चुनाव OBC आरक्षण के आधार पर नहीं होगा. SC ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि वह कानून के दायरे में चुनाव समपन्न कराए और ओबीसी सीट को सामान्य सीट ही माना जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि कानून का पालन न करने पर चुनाव रद्द भी किया जा सकता है. याचिका पर अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.

कांग्रेस ने कल फिर से सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल की थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रक्रिया सहित अन्य प्रक्रिया का पालन नहीं करने के खिलाफ याचिका (Hearing in Supreme Court on MP Panchayat election petition ) भोपाल के मनमोहन नायर और गाडरवाडा के संदीप पटेल सहित कुल पांच याचिकाकर्ताओं ने फाइल की थी. जिसपर वरिष्ठ वकील और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. एमपी हाईकोर्ट में याचिका पर आपात सुनवाई नहीं होने के बाद याचिकाकर्ताओं ने गुरुवार 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राज्य चुनाव आयोग को कानून के दायरे में रहकर चुनाव संपन्न कराने को कहा है.

ये भी पढ़ें - Delhi Riots Case : हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, नेताओं पर एफआईआर को लेकर तीन महीने में करें फैसला

हाई कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग से कर दिया था इनकार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को सभी याचिकाकर्ता जबलपुर हाईकोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के रोटेशन सहित अन्य नियमों का पालन नहीं करने का मामला उठाते हुए चुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं ने चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की पीठ से अर्जेंट हीयरिंग की मांग की थी. हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए तीन जनवरी की अगली तारीख तय कर दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.

यहां फंसा है पेंच

भोपाल के मनमोहन नायर और गाडरवाडा के संदीप पटेल सहित पांच अन्य याचिकाकर्ताओं ने तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव की वैधानिकता को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है राज्य सरकार ने 2014 के आरक्षण रोस्टर से चुनाव करवाने के संबंध में अध्यादेश पारित किया है, जोकि असंवैधानिक है. 2019 में राज्य सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नए सिरे से आरक्षण लागू किया था. बिना इस अध्यादेश को समाप्त किए, दूसरा अध्यादेश लाकर 2022 का पंचायत चुनाव 2014 के आरक्षण के आधार पर कराने का निर्णय लिया गया है, जोकि असंवैधानिक है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.