नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की अंतरिम जमानत याचिका पर 26 मई को सुनवाई करेगा. आज अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि सुनवाई करने वाली जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच आज नहीं बैठी.
याचिका में राजद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को आधार बनाया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के मामलों में केस दर्ज नहीं करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्र सरकार जब तक राजद्रोह के मामले पर जब तक दोबारा विचार करेगी तब तक इस मामले में कोई नया FIR दर्ज नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह के मामले में जो आरोपी हैं वे अदालतों में याचिका दायर कर जमानत की मांग कर सकते हैं.
शरजील इमाम ने दो अलग-अलग FIR के मामले में अंतरिम जमानत की मांग की है. एक FIR जामिया यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण को लेकर है, जबकि दूसरा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण को लेकर. FIR में शरजील इमाम पर आरोप लगाया गया था कि उसने भड़काऊ भाषण दिए थे. बता दें कि 11 अप्रैल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा. बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.