बीजापुर: नक्सल प्रभावित बीजापुर के ताकीलोड गांव में एक साथ कई ग्रामीणों के बीमार होने की सूचना मिली. ताकीलोड गांव में करीब 70 से 80 ग्रामीण बुखार, एनीमिया और सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं. इसकी सूचना मिलते ही स्वास्थ्य अमला नाव के सहारे इंद्रावती नदी पार कर ताकीलोड गांव पहुंचा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों के इलाज में जुटी है.
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पेड़ के नीचे लगाया स्वास्थ्य शिविर: नक्सल प्रभावित इलाके के ताकीलोड गांव में न तो अस्पताल है और न ही स्वास्थ्य सुविधा. जिसके चलते इलाज करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि स्वास्थ्य अमले को एक पेड़ के नीचे तिरपाल बिछाकर स्वास्थ्य शिविर लगाकर इलाज करना पड़ रहा है. जहां मरीजों को पेड़ की डालियों के सारे ग्लूकोज चढ़ाई गई है.
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"करीब 30 गंभीर मरीजों को भैरमगढ़ अस्पताल और बीजापुर जिला चिकित्सालय में लाया गया है. धुर नक्सल प्रभावित इलाके के ताकीलोड में न तो दूरसंचार की व्यवस्था है और न ही गांव तक पहुंचने विहीन सड़क है. इलाका बहुत बड़ा होने की वजह से समय पर स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंच पाते हैं. लिहाजा समय समय पर RHO एवं ANM का आना जाना लगा रहता है." - स्वास्थ्य कर्मचारी
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अन्य गांव के मरीज भी पहुंच रहे शिविर: ताकीलोड गांव में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर की सूचना मिलते ही अबूझमाड़, पल्लेवाया, बेड़मा गांव सहित अन्य गांव के मरीज शिविर पहुंच रहे हैं. इलाज के लिए आने वाले मरीजों में से अधिकतर बुखार, एनीमिया, सर्दी-खांसी से पीड़ित बताए जा रहे है. स्वास्थ्य विभाग की टीम तमाम असुविधाओं के बावजूद आने वाले मरीजों के इलाज में जुटी हुई है.
"इस इलाके में बारिश के दौरान नदियों और नाले उफान पर रहते हैं. जिसकी वजह से मरीजों को इलाज के लिए नदी पार कर भैरमगढ़ अस्पताल लाना संभव नहीं है. हम लोग झाड़ फूंक के सहारे ही मरीजों का इलाज कराने को मजबूर होते हैं." - ग्रामीण
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स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी पार कई गांंव के सैकड़ों ग्रामीण बीमार हैं. इसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग की टीम 17 मई को ताकीलोड गांव पहुंची. इसके पहले भी बारिश के दौरान स्वास्थ्य अमले ने जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार किया था. जिसके बाद गांव पहुंचकर बीमार मरीजों का इलाज किया था. अब देखना है कि शासन-प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाती है.