नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना स्थिति की समीक्षा के लिए पांच राज्यों एवं एक केंद्रशासित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के साथ संवाद किया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि सभी प्रकार के ऑक्सीजन बुनियादी ढांचे की जांच कर लें.
-
COVID-19: During the meeting with health ministers of 5 States & one UT, the Union health minister advised them to ensure that all kinds of Oxygen infrastructure be checked such that it is in a functional/operational state: Official Sources
— ANI (@ANI) January 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">COVID-19: During the meeting with health ministers of 5 States & one UT, the Union health minister advised them to ensure that all kinds of Oxygen infrastructure be checked such that it is in a functional/operational state: Official Sources
— ANI (@ANI) January 10, 2022COVID-19: During the meeting with health ministers of 5 States & one UT, the Union health minister advised them to ensure that all kinds of Oxygen infrastructure be checked such that it is in a functional/operational state: Official Sources
— ANI (@ANI) January 10, 2022
केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र एवं केंद्रशासित प्रदेश दादर एवं नागर हवेली एवं दमन और दीव के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डिजिटल माध्यम से संवाद किया.
इससे पहले केंद्र ने सोमवार को कहा कि इस बार अब तक पांच से दस प्रतिशत उपचाराधीन रोगियों को ही अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत हो रही है लेकिन स्थिति बदल भी सकती है ऐसे में राज्य घरों में आइसोलेशन में रह रहे या अस्पताल में भर्ती मरीजों पर नजर रखें.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे पत्र में कहा कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अस्तपालों में भर्ती की जरूरत वाले रोगी 20-23 प्रतिशत थे.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की थी. देश में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से इस महामारी के मामले बढ़ गए हैं.
पढ़ें- 5-10 प्रतिशत मरीजों को ही भर्ती कराने की जरूरत हो रही, पर बदल सकती है स्थिति : केंद्र