आगरा : ताजनगरी में स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर पुलिस अब अवैध अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब और रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर्स पर ताले लगाएगी. जिले में ऐसे 64 चिकित्सा संस्थान चिन्हित किए गए हैं. इन्हें सील किया जाएगा. जिले में होने वाली इस कार्रवाई को सूबे की बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है. जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें इन चिकित्सा संस्थानों पर ताला लगाएंगी. ये वे चिकित्सा संस्थान हैं, जहां एक डॉक्टर की किराए की डिग्री पर दो से ज्यादा अस्पताल संचालित किए जा रहे थे.
बीते माह आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खुलासा किया था कि, यूपी में एक चिकित्सक के नाम 50 से 65 चिकित्सा संस्थान संचालित हैं. यह काननून गलत है. 15 डाॅक्टरों की किराए की डिग्री से आगरा और आसपास के जिलों में 449 चिकित्सा संस्थान पंजीकृत मिले थे. आगरा सीएमओ की टीम को आगरा में ही एक डाॅक्टर की किराए की डिग्री पर सात से आठ चिकित्सा संस्थान संचालित होते मिले थे.
50 चिकित्सा संस्थानों के संचालकों ने लाइसेंस किए सरेंडर : आगरा सीएमओ की टीम ने डाॅक्टर की किराए की डिग्री पर झोलाछाप की ओर से चलाए जा रहे चिकित्सा संस्थानों पर छापेमारी की. स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में 20 चिकित्सा संस्थान अब तक सील किए जा चुके हैं, जबकि, 15 चिकित्सा संस्थान के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं. 40 संस्थानों के संचालकों ने खुद ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. जिले में अब तक 64 चिकित्सा इकाइयां ऐसी हैं, जिनके लाइसेंस निलंबित किए गए थे. उन्हें सात दिनों में स्थाई डाॅक्टर की नियुक्ति संबंधी प्रमाण, उसकी डिग्री, शपथ पत्र, आवास विकास, नगर निगम, अग्निशमन की अनापत्ति, मेडिकल वेस्ट निस्तारण जैसे सभी मानकों को पूरा करके अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
कई इकाइयां हो जाएंगी बंद : दरअसल, जिन डाक्टरों के नाम पर इन इकाइयों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था. उन चिकित्सकों ने अब खुद विभाग को लिखकर दिया है कि, उनका संबंधित इकाई से कोई संबंध नहीं है. इनमें से 10 से 15 इकाइयां ही मानकों पर खरी उतर पाएंगी. इस तरह से आगरा में करीब 50 चिकित्सा इकाइयों पर ताला लगना तय है.
शासन को भी भेजी जाएगी रिपोर्ट : आगरा सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि, मंगलवार को जिन-जिन चिकित्सा संस्थान ने मानक पूरे किए हैं, उनके दस्तावेज जमा हुए हैं. 28 से ज्यादा संस्थान की ओर से दस्तावेज मिले हैं. उनके आधार रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके बाद ही चिकित्सा संस्थानों के लाइसेंस रिन्यू किए जाएंगे. जो मानक पूरा नहीं किरेंगे, उनके लाइनेंस निरस्त करके शासन, जिला प्रशासन और प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेज दी जाएगी.
यह भी पढ़ें : अब विदेशी छात्रों का मानसिक दबाव भी दूर करेगा केंद्रीय हिंदी संस्थान, 100 विदेशी छात्र सीखेंगे हिंदी
ईडी की डाॅ. भीमराव आंबेडकर विवि में छापेमारी, BAMS और MBBS की 400 बदलीं कॉपियां मिलीं