बेंगलुरू : कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (former chief minister BS Yeddyurappa), उनके बेटे विजयेंद्र और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग वाली सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.
येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र और उनके सहयोगियों पर भ्रष्टाचार घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाने वाले टीजे अब्राहम ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों की विशेष अदालत में याचिका दायर की है. हालांकि, विशेष अदालत ने इस आधार पर आवेदन को खारिज कर दिया कि सीएम येदियुरप्पा संवैधानिक पद पर थे और राज्यपाल द्वारा जांच की अनुमति नहीं दी गई थी.
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अब्राहम ने विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक रिट (PIL) दायर की थी. मुख्य न्यायाधीश एएस ओका की अध्यक्षता वाली डिवीजनल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका व्यक्ति के हित में दायर की गई थी और इसे जनहित याचिका के रूप में नहीं माना जा सकता है और आवेदन को संशोधित करने की आवश्यकता है.
फलस्वरूप, रिट याचिका को एकल सदस्यीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया था. याचिकाकर्ता द्वारा यह कहने के बाद कि याचिका में तकनीकी कारणों से इसे वापस लिया जाएगा, याचिका खारिज कर दी गई. हालांकि शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम ने इसके लिए एक और आपराधिक आवेदन दायर किया है. इस पर सुनील दत्त यादव की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा सहित सभी प्रतिवादियों के लिए एक आपातकालीन नोटिस दायर किए जाने के साथ ही सुनवाई 17 अगस्त तक के लिए टाल दी गई.