चेन्नई: ऑनलाइन फूड डिलीवरी हमारे रोजमर्रा की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. लॉकडाउन के बाद से अधिकांश लोग खाना ऑनलाइन ऑर्डर करना ही पसंद करते हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियां भी खाने पर कई प्रकार के आकर्षक ऑफर दे रही है. भारत के दूसरे शहरों की तरह ही चेन्नई में भी लॉकडाउन और इसके बाद लोग ऑनलाइन खाना देने वाली कंपनियों का पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं.
- वर्क फ्रॉम होम ने बदली जीवनशैली
ऑनलाइन फूड डिलीवरी का कारोबार भारत में तेजी से बढ़ने का असर रेस्टोरेंट्स व्यवसाय पर सबसे ज्यादा पड़ा है. जिसे लेकर चेन्नई रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम (Work from home) ने लोगों की जीवनशैली को बदल कर रख दिया है. वे ऑनलाइन खाना मंगाने और और घर पर खाना खाने में सहज महसूस कर रहे हैं.
ऑनलाइन ऑर्डर लेकर खाना सप्लाई करने वाली कंपनियों के खिलाफ रेस्तरां संगठन
- रेस्तरां व्यवसाय पर इसका असर
उनका कहना है कि फूड डिलीवरी कंपनियां सिर्फ cloud kitchen (खाना बनाने और डिलीवरी करने वाले) को बढ़ावा दे रही हैं. कोरोना लॉकडाउन के बीच तमिलनाडु में क्लाउड किचन पहले से तीन गुना बढ़ गए हैं और इससे खाने की बैठकर सुविधा देने वाले बड़े रेस्तरां व्यवसाय को बनाए रखने में कई कठिनाइयां सामना आ रही हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उनके पास खाने के ऑर्डर आने काफी बढ़े हैं, लेकिन मुनाफा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंटों को फूड एग्रीगेटर (food aggregators) के नियमों का पालन करना होता है. फूड एग्रीगेटर द्वारा दिए गए ऑनलाइन ऑफर्स से उन्हें ही फायदा रेस्टोरेंट को नहीं.
रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ने कहा कि इन सब पर काबू पाने के लिए और भविष्य में इनके साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए नए फूड ऐप लॉन्च करने की प्रकिया चल रही है. यह देश के 2 बड़े फूड एग्रीगेटर का एक विकल्प होगा.