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किसानों पर लाठीचार्ज का मामला : SDM आयुष सिन्हा पर हो सकती है कार्रवाई

करनाल लघु सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) के बाहर किसानों का धरना प्रदर्शन (farmers protest karnal) जारी है. किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम पर कार्रवाई की मांग पर किसान अड़े हुए हैं. खबर है कि सरकार किसी भी वक्त एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Ayush Sinha) पर कार्रवाई कर सकती है.

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Published : Sep 8, 2021, 11:18 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में करनाल के लघु सचिवालय के बाहर किसानों का धरना (farmers protest karnal) जारी है. धरना दे रहे किसान लगातार करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Ayush Sinha) पर कार्रवाई करने की मांग पर अड़े हुए हैं. करनाल प्रशासन और किसानों के बीच 3 चरणों की वार्ता अब तक हो चुकी है, लेकिन इस केस में कोई समाधान नहीं निकल पाया है. फिलहाल माना ये जा रहा है कि मनोहर सरकार (Manohar Government) किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई का फैसला ले सकती है. सरकार इस वक्त बड़े स्तर पर आपसी चर्चा के बाद ही कोई अंतिम फैसला लेगी.

इससे पहले करनाल में लघु सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) के बाहर धरने पर बैठे किसानों की मांग को लेकर सरकार के अंदर भी हलचल है. किसान अपनी तीन मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. जिसमें से मुख्य मांग दोषी एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई करने की है. जिस तरह से किसान करनाल के लघु सचिवालय में धरना लगा कर बैठे हुए हैं. उसे देख कर लग रहा है कि सरकार इस मामले में अब कोई ना कोई फैसला लेगी, ताकि धरना समाप्त हो जाए और लघु सचिवालय से किसान हट जाएं.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मनोहर सरकार धरने को लंबा खींचने के मूड में नहीं है. हो सकता है कि करनाल प्रशासन फिर से आज किसानों के साथ बातचीत कर इस मामले में कोई अंतिम फैसला ले ले. इससे पहले मंगलवार को जब प्रशासन से किसानों की बात हुई थी तो उस वक्त भी किसान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग पर अड़े थे.

ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE: रात भर करनाल लघु सचिवालय के बाहर डटे रहे किसान, बोले- अब आर-पार की लड़ाई

वीडियो में तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा पुलिस को ये आदेश दे रहे हैं-

'मेरा आदेश सिंपल है. जो भी हो. इससे बाहर कोई भी नहीं जायेगा. किसी तरह से स्पष्ट कर देता हूं. सिर फोड़ देना. नहीं जायेगा. मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं. लिखित में दे रहा हूं. सीधे लट्ठ मारो. कोई डाउट (पुलिस वाले कहते हैं..नहीं सर). मारोगे? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). कोई जायेगा इधर से (पुलिस वाले कहते हैं...नहीं सर). सीधे उठा उठाकर मारना. कोई डाउट नहीं है. कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है. ये रास्ता हम किसी भी हालत में ब्रीच नहीं होने देंगे. हमारे पास पर्याप्त फोर्स है.'

एसडीएम आगे कहते हैं कि 'कोई ईश्यू नहीं है. मारोगे ना लट्ठ (पुलिस वाले कहते हैं यस सर). हम पूरी रात नहीं सोए हैं यार. दो दिन से ड्यूटी कर रहे हैं. क्लियर है? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). यहां से एक बंदा नहीं जाना चाहिए. मेरे पास आए नहीं. और अगर आए तो उसका सिर फूटा होना चाहिए. ठीक है. क्लियर है ना आपको.(पुलिस वाले कहते हैं...यस सर).'

ये भी पढ़ें- किसान लाठीचार्ज: SDM ने दिया आदेश, 'सीधे लट्ठ मारना, सिर फोड़ देना, कोई डायरेक्शन की जरुरत नहीं', देखिए ये वीडियो

चंडीगढ़: हरियाणा में करनाल के लघु सचिवालय के बाहर किसानों का धरना (farmers protest karnal) जारी है. धरना दे रहे किसान लगातार करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Ayush Sinha) पर कार्रवाई करने की मांग पर अड़े हुए हैं. करनाल प्रशासन और किसानों के बीच 3 चरणों की वार्ता अब तक हो चुकी है, लेकिन इस केस में कोई समाधान नहीं निकल पाया है. फिलहाल माना ये जा रहा है कि मनोहर सरकार (Manohar Government) किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई का फैसला ले सकती है. सरकार इस वक्त बड़े स्तर पर आपसी चर्चा के बाद ही कोई अंतिम फैसला लेगी.

इससे पहले करनाल में लघु सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) के बाहर धरने पर बैठे किसानों की मांग को लेकर सरकार के अंदर भी हलचल है. किसान अपनी तीन मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. जिसमें से मुख्य मांग दोषी एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई करने की है. जिस तरह से किसान करनाल के लघु सचिवालय में धरना लगा कर बैठे हुए हैं. उसे देख कर लग रहा है कि सरकार इस मामले में अब कोई ना कोई फैसला लेगी, ताकि धरना समाप्त हो जाए और लघु सचिवालय से किसान हट जाएं.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मनोहर सरकार धरने को लंबा खींचने के मूड में नहीं है. हो सकता है कि करनाल प्रशासन फिर से आज किसानों के साथ बातचीत कर इस मामले में कोई अंतिम फैसला ले ले. इससे पहले मंगलवार को जब प्रशासन से किसानों की बात हुई थी तो उस वक्त भी किसान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग पर अड़े थे.

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वीडियो में तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा पुलिस को ये आदेश दे रहे हैं-

'मेरा आदेश सिंपल है. जो भी हो. इससे बाहर कोई भी नहीं जायेगा. किसी तरह से स्पष्ट कर देता हूं. सिर फोड़ देना. नहीं जायेगा. मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं. लिखित में दे रहा हूं. सीधे लट्ठ मारो. कोई डाउट (पुलिस वाले कहते हैं..नहीं सर). मारोगे? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). कोई जायेगा इधर से (पुलिस वाले कहते हैं...नहीं सर). सीधे उठा उठाकर मारना. कोई डाउट नहीं है. कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है. ये रास्ता हम किसी भी हालत में ब्रीच नहीं होने देंगे. हमारे पास पर्याप्त फोर्स है.'

एसडीएम आगे कहते हैं कि 'कोई ईश्यू नहीं है. मारोगे ना लट्ठ (पुलिस वाले कहते हैं यस सर). हम पूरी रात नहीं सोए हैं यार. दो दिन से ड्यूटी कर रहे हैं. क्लियर है? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). यहां से एक बंदा नहीं जाना चाहिए. मेरे पास आए नहीं. और अगर आए तो उसका सिर फूटा होना चाहिए. ठीक है. क्लियर है ना आपको.(पुलिस वाले कहते हैं...यस सर).'

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