चंडीगढ़ : इन दिनों गाय चर्चा का विषय बनी हुई है. एक तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक उपयोगिता को देखते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है. दूसरी तरफ हरियाणा गौ सेवा आयोग अब गाय के गोबर और मूत्र पर शोध कर उत्पाद बनाने की तैयारी कर रहा है. हरियाणा गौ सेवा आयोग (Haryana Gau Seva Commission) के मुताबिक कुछ उत्पादों पर रिसर्च पूरी हो चुकी है. जिन्हें जल्द ही बाजार में लॉन्च कर दिया जाएगा.
गोबर से खास तरह की ईंटें तैयार
ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार ने बताया कि आयोग गाय के गोबर से खास तरह की ईंटें तैयार (Brick made from cow dung) कर रहा है. इन ईंटों को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि ये मजबूत रहें और वजन में हल्की भी हों, ताकि इससे 10 मंजिल तक की बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जा सके. हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि पुराने समय में मिट्टी और गोबर से घर बनाए जाते थे. जो बहुत मजबूत होते थे.
श्रवण कुमार के मुताबिक गाय के गोबर से बने घरों पर तापमान का भी कोई असर नहीं होता था. आज प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. जिससे तापमान में भी काफी इजाफा देखने को मिला है. इन्हीं चीजों को ध्यान में रखकर इन ईंटों को बनाया जा रहा है.
गोमूत्र से बनी फिनायल करेगी कीटाणुओं का खात्मा
हरियाणा गौ सेवा आयोग गोमूत्र से फिनायल (Phenyl made from cow urine) भी बना रहा है. इस फिनायल को दिल्ली में श्रीराम लैबोरेट्री द्वारा प्रमाणित भी कर दिया गया है. आयोग का दावा है कि ये फिनायल 83% कीटाणुओं को खत्म करने में सक्षम है. जल्दी ही ये फिनाइल मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा.
श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि गाय के गोबर से गमले भी बनाए जा रहे हैं. जो पेड़ पौधों के लिए ज्यादा लाभकारी होंगे. ये दूसरे गमलों की तरह मजबूत भी होंगे. पौधा मिट्टी के साथ-साथ उन गमलों से भी पोषक तत्व लेगा और ज्यादा तेजी से बढ़ेगा. पौधा बड़ा होने के बाद उसे गमले समेत जमीन में लगाया जा सकेगा.
गोमूत्र से बना शैंपू होगा केमिकल रहित
इतना ही नहीं गोमूत्र से शैंपू भी बनाए जा रहे हैं. गौ सेवा आयोग का कहना है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक है. जिसमें किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. अगर ये चीजें बाजार में आएंगी तो लोग इन्हें काफी पसंद करेंगे. इसके अलावा गाय के गोबर से खाद बनाने का काम किया जा रहा है. चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बताया कि हरियाणा में 680 गौशालाएं है. जिसमें करीब 5 लाख के करीब गाय हैं. जिससे बड़ी मात्रा में गोबर और गोमूत्र प्राप्त किया जा सकता है. उनसे ये उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं.
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बढ़ेगी गौशालाओं और किसानों की आय
चेयरमैन ने बताया उत्पादों के बाजार में आने के बाद गौशालाओं की आय बढ़ेगी. जिससे वो गाय की ज्यादा बेहतर तरीके से देखभाल कर सकेंगे. इसके अलावा इन प्रोडक्ट्स से किसानों की आय भी बढ़ेगी. अब दूध कम होने की वजह से जो लोग गाय को सड़कों पर छोड़ देते हैं वो उन्हें घर में पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा हरियाणा की 680 गौशालाओं में से करीब 350 गौशालाओं में सोलर पैनल लगाए गए हैं. यहां बनने वाली अतिरिक्त बिजली को ग्रीड को भेजी जाएगी. जिससे गौशालाओं की आमदनी ज्यादा होने की उम्मीद है.