चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य और गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि खाद्य एवं औषधि विभाग ने बाजार में बिकने वाले कैंसर के नकली इंजेक्शन के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. ये गिरोह कैंसर का नकली इंजेक्शन बनाकर बेचता था. एक इंजेक्शन की कीमत 2 से ढाई लाख रुपये तक है. नकली इंजेक्शन पर इटली की एक कंपनी का मार्क भी लगा हुआ मिला. जब कंपनी से इस संबंध में जानकारी ली गई, तो पता चला कि कंपनी ऐसा कोई इंजेक्शन नहीं बनाती.
जिसके बाद इस बात का खुलासा हुआ कि मार्केट में कैंसर की बीमारी का नकली इंजेक्शन बेचा जा रहा है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम फर्जी ग्राहक बनाया और आरोपी को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वो दिल्ली से किसी शख्स के पास ये इंजेक्शन लाया था. इसके बाद दिल्ली में रहने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया. जिससे पूछताछ में पता चला कि उसे ये इंजेक्शन तुर्की का एक नागरिक देता था.
इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को मुंबई के कोलाबा से गिरफ्तार किया है. विज ने कहा कि अब आरोपियों से पूछताछ करके पता किया जाएगा कि नकली इंजेक्शन कहां बनता है और कहां-कहां सप्लाई होता है. इस मामले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन चारों आरोपियों से 10 नकली इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. हरियाणा पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. इंजेक्शन का नाम डेफिटेलियो है.
हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि हमने डब्ल्यूएचओ को इसके बारे में जानकारी दे दी है कि कैंसर के नकली इंजेक्शन बाजार में बिक रहे हैं. गृहमंत्री ने पुलिस विभाग के साथ हाल ही में बैठक की थी. जिसमें बताया गया कि अवैध दवाइयों के मामले में 3500 से ज्यादा एफआईआर लंबित हैं, इस पर सभी जांच अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. वहीं उन्होंने कहा कि विभाग पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के दौरान खाना पीना उपलब्ध करवाएगा. पुराने थानों की भी मरम्मत की जाएगी.