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कुमारी सैलजा को राज्यसभा भेज सकती है कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की चर्चा

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Published : Apr 11, 2022, 2:53 PM IST

सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा (Kumari Selja resigned) ने इस्तीफा दे दिया है. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कुमारी सैलजा ने इस्तीफे की पेशकश की है.

kumari selja
कुमारी सैलजा (फाइल फोटो)

चंडीगढ़: सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने इस्तीफे की पेशकश की है. खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सैलजा ने इस्तीफे की पेशकश (Selja resigns from Haryana President post) की है. चर्चाएं हैं कि कुमारी सैलजा हुड्डा गुट के दबाव को लेकर नाराज हैं. इस बात के लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा कांग्रेस के कई नेता पार्टी अध्यक्ष के चेहरे को बदलने की कवायद कर रहे हैं. इस बात की भी चर्चाएं थीं कि अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम आगे किया जा रहा है.

जून में हरियाणा राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. चर्चा है कि सैलजा को कांग्रेस राज्यसभा भेज सकती है. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को दिए जाने की चर्चा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस में एक परिवार एक पद का नियम चलेगा. इस आधार पर भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है. यानी किसी और को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है. पार्टी सूत्रों की माने तो नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा अपने खेमें से किसी विधायक को बनाने की पैरवी कर सकते हैं.

चंडीगढ़ के मुद्दे पर बंटी नजर आई कांग्रेस! चंडीगढ़ के मुद्दे पर भी कांग्रेस दो खेमों में बंटती हुई (Haryana congress meeting on chandigarh issue) नजर आई. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में विधायक दल की बैठक बुलाई, तो वहीं चंडीगढ़ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, पार्टी प्रभारी विवेक बंसल और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक की. दरअसल, आम आदमी पार्टी ने 8 अप्रैल को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने का प्रस्ताव (proposal to give chandigarh to punjab) पास किया था. जिसके बाद इस मुद्दे पर हरियाणा कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आई.

नहीं हुआ संगठन विस्तार: हरियाणा में भी पार्टी लंबे समय से अपने संगठन का विस्तार नहीं कर पाई है. करीब 9 सालों से पार्टी संगठन हरियाणा में नहीं बन पाया है. अंदरूनी लड़ाई के चलते जिला इकाई भंग पड़ी है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जो मानी जाती रही है, वो हरियाणा में पार्टी के कई धड़ों में बंटा होना है. काफी लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट पहले पार्टी अध्यक्ष रहे अशोक तंवर पर भारी रहा. वहीं वर्तमान में कुमारी सैलजा भी अपने अध्यक्ष कार्यकाल में अभी तक संगठन को खड़ा नहीं कर पाई हैं.

ये भी पढ़ें - राहुल गांधी ने साधा बीजेपी पर निशाना, बोले- श्रीलंका की तरह भारत में भी दिखेगा सच

'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम पर तकरार! नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 10 अक्टूबर को करनाल से 'विपक्ष आपके समक्ष' नामक यात्रा शुरू की, लेकिन यात्रा से पहले ही कांग्रेस दो धड़ों बंट गई. सैलजा ग्रुप के माने जाने वाले असंध से कांग्रेसी विधायक शमशेर सिंह गोगी ने हुड्डा की विपक्ष आपके समक्ष यात्रा पर सवाल उठाए. कुछ कांग्रेस विधायकों का कहना है कि कार्यक्रम का नाम विपक्ष आपके समक्ष नहीं बल्कि कांग्रेस आपके समक्ष होना चाहिए था, दूसरा इसमें प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों की भागेदारी होनी चाहिए. जो फिलहाल नहीं दिख रही.

राहुल गांधी के साथ भी हुई थी बैठक: विवाद सुलधाने को लेकर हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. 25 मार्च 2022 को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हरियाणा कांग्रेस नेताओं की बैठक लगभग तीन घंटे तक चली. जिसके बाद नेताओं ने कहा कि वो सभी मतभेद दूर कर एकजुट हो कर पार्टी के लिए आने वाले समय में काम करेंगे. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा समेत हरियाणा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

बता दें कि हरियाणा कांग्रेस में लगातार गुटबाजी चल रही है. 2019 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष का पद छीन लिया गया और कुमारी सैलजा को कमान सौंपी गई. वहीं किरण चौधरी से सीएलपी का पद छीनकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दे दिया गया. कांग्रेस में कलह का हाल ये है कि 2014 के बाद से ही कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग है. उसका गठन आज तक नहीं हो पाया है.

चंडीगढ़: सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने इस्तीफे की पेशकश की है. खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सैलजा ने इस्तीफे की पेशकश (Selja resigns from Haryana President post) की है. चर्चाएं हैं कि कुमारी सैलजा हुड्डा गुट के दबाव को लेकर नाराज हैं. इस बात के लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा कांग्रेस के कई नेता पार्टी अध्यक्ष के चेहरे को बदलने की कवायद कर रहे हैं. इस बात की भी चर्चाएं थीं कि अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम आगे किया जा रहा है.

जून में हरियाणा राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. चर्चा है कि सैलजा को कांग्रेस राज्यसभा भेज सकती है. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को दिए जाने की चर्चा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस में एक परिवार एक पद का नियम चलेगा. इस आधार पर भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है. यानी किसी और को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है. पार्टी सूत्रों की माने तो नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा अपने खेमें से किसी विधायक को बनाने की पैरवी कर सकते हैं.

चंडीगढ़ के मुद्दे पर बंटी नजर आई कांग्रेस! चंडीगढ़ के मुद्दे पर भी कांग्रेस दो खेमों में बंटती हुई (Haryana congress meeting on chandigarh issue) नजर आई. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में विधायक दल की बैठक बुलाई, तो वहीं चंडीगढ़ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, पार्टी प्रभारी विवेक बंसल और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक की. दरअसल, आम आदमी पार्टी ने 8 अप्रैल को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने का प्रस्ताव (proposal to give chandigarh to punjab) पास किया था. जिसके बाद इस मुद्दे पर हरियाणा कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आई.

नहीं हुआ संगठन विस्तार: हरियाणा में भी पार्टी लंबे समय से अपने संगठन का विस्तार नहीं कर पाई है. करीब 9 सालों से पार्टी संगठन हरियाणा में नहीं बन पाया है. अंदरूनी लड़ाई के चलते जिला इकाई भंग पड़ी है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जो मानी जाती रही है, वो हरियाणा में पार्टी के कई धड़ों में बंटा होना है. काफी लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट पहले पार्टी अध्यक्ष रहे अशोक तंवर पर भारी रहा. वहीं वर्तमान में कुमारी सैलजा भी अपने अध्यक्ष कार्यकाल में अभी तक संगठन को खड़ा नहीं कर पाई हैं.

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'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम पर तकरार! नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 10 अक्टूबर को करनाल से 'विपक्ष आपके समक्ष' नामक यात्रा शुरू की, लेकिन यात्रा से पहले ही कांग्रेस दो धड़ों बंट गई. सैलजा ग्रुप के माने जाने वाले असंध से कांग्रेसी विधायक शमशेर सिंह गोगी ने हुड्डा की विपक्ष आपके समक्ष यात्रा पर सवाल उठाए. कुछ कांग्रेस विधायकों का कहना है कि कार्यक्रम का नाम विपक्ष आपके समक्ष नहीं बल्कि कांग्रेस आपके समक्ष होना चाहिए था, दूसरा इसमें प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों की भागेदारी होनी चाहिए. जो फिलहाल नहीं दिख रही.

राहुल गांधी के साथ भी हुई थी बैठक: विवाद सुलधाने को लेकर हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. 25 मार्च 2022 को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हरियाणा कांग्रेस नेताओं की बैठक लगभग तीन घंटे तक चली. जिसके बाद नेताओं ने कहा कि वो सभी मतभेद दूर कर एकजुट हो कर पार्टी के लिए आने वाले समय में काम करेंगे. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा समेत हरियाणा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

बता दें कि हरियाणा कांग्रेस में लगातार गुटबाजी चल रही है. 2019 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष का पद छीन लिया गया और कुमारी सैलजा को कमान सौंपी गई. वहीं किरण चौधरी से सीएलपी का पद छीनकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दे दिया गया. कांग्रेस में कलह का हाल ये है कि 2014 के बाद से ही कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग है. उसका गठन आज तक नहीं हो पाया है.

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