चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) को एक चिट्ठी लिखी है. ये चिट्ठी पिछले दिनों भारतीय छात्र के साथ LSE में हुए भेदभाव को लेकर लिखी गई है. जिसे करण कटारिया नाम के छात्र ने सोशल मीडिया के जरिये उठाया था. करण कटारिया हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने LSE को छात्र से हुए भेदभाव से जुड़े मामले और छात्र की सुरक्षा को लेकर ये चिट्ठी लिखी थी जिसके जवाब में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने भी जवाब में करण कटारिया की सुरक्षा और भेदभाव के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है
मामला क्या है- दरअसल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ने वाले गुरुग्राम के छात्र करण कटारिया ने आरोप लगाया था कि भारतीय और हिंदू होने के कारण उन्हें वहां होने वाले छात्र संघ चुनावों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है. जिसके बाद मामले ने मीडिया में भी खूब तूल पकड़ा था. करण कटारिया ने अपने सोशल मीडिया के जरिये अपने साथ हो रहे इस तरह के भेदभाव को उठाया था.
-
I have faced personal, vicious, and targeted attacks due to the anti-India rhetoric and Hinduphobia. I demand that the @lsesu is transparent about its reasoning.
— Karan Kataria (@karanatLSE) April 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
I will not be a SILENT victim of Hinduphobia.
@LSEnews @HCI_London @BobBlackman pic.twitter.com/65LKaFAI7J
">I have faced personal, vicious, and targeted attacks due to the anti-India rhetoric and Hinduphobia. I demand that the @lsesu is transparent about its reasoning.
— Karan Kataria (@karanatLSE) April 2, 2023
I will not be a SILENT victim of Hinduphobia.
@LSEnews @HCI_London @BobBlackman pic.twitter.com/65LKaFAI7JI have faced personal, vicious, and targeted attacks due to the anti-India rhetoric and Hinduphobia. I demand that the @lsesu is transparent about its reasoning.
— Karan Kataria (@karanatLSE) April 2, 2023
I will not be a SILENT victim of Hinduphobia.
@LSEnews @HCI_London @BobBlackman pic.twitter.com/65LKaFAI7J
आपको बता दें कि करण कटारिया LSE के स्कूल ऑफ लॉ से LLM कर रहे हैं. वो LSE छात्र संघ चुनाव में महासचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन बाद में उन्हें चुनाव से डिस्क्वलीफाई कर दिया गया. करण कटारिया ने खुद को चुनाव से अयोग्य ठहराये जाने के पीछे हिंदू फोबिया और अपने भारतीय होने को प्रमुख कारण बताया था. करण ने यहां तक कहा कि मैं इस मामले में चुप नहीं बैठूंगा. ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया. अयोग्य ठहराये जाने के बाद करण कटारिया ने ट्वीट भी किया.
'मैंने भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण व्यक्तिगत, विद्वेषपूर्ण और टारगेट हमलों का सामना किया है. मैं मांग करता हूं कि LSESU अपने पारदर्शी होने के दावे को साबित करे. मैं हिंदूफोबिया का मूक शिकार बनकर नहीं रहूंगा'. करण कटारिया, एलएलएम छात्र, LSE
सीएम मनोहर लाल ने लिखी चिट्ठी- करण कटारिया के आरोपों के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 5 अप्रैल को इस मामले में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के नाम एक चिट्ठी लिखी थी. ये चिट्ठी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के वाइस चांसलर एरिक न्यूमायर के नाम लिखी गई थी. जिसमें करण कटारिया की सुरक्षा और उसके साथ हुए भेदभावपूर्ण रवैये को उठाया गया था. मुख्यमंत्री की ओर से इस तरह के भेदभाव भरे रवैये को अस्वीकार्य बताया गया और करण कटारिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही इस मामले की जांच के बारे में कहा गया था.
संस्थान की ओर से आया जवाब- हरियाणा की मुख्यमंत्री का जवाब देते हुए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के वाइस चांसलर एरिक न्यूमायर ने लिखा कि 'आपने अपने पत्र में जो मामला उठाया है हम उससे भली भांति परिचित हैं और इस मामले की जांच की जा रही है. संस्थान में किसी छात्र को धमकाना, उत्पीड़न या किसी भी तरह का भेदभाव अस्वीकार्य है. हम LSE के छात्रों की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए प्रतिबद्ध हैं.'.
एरिक न्यूमायर ने लिखा कि 'LSE में किसी को डराने, धमकाने जैसी घटनाओं को रिपोर्ट करने के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल समेत कई तरीके हैं. अगर किसी के साथ भी उत्पीड़न या ऐसी घटना होती है तो वो तुरंत संपर्क करे ताकि हम यथासंभव पूरी जांच कर सकें. हम इस मामले की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे और जहां भी जरूरत होगी, सहायता प्रदान करेंगे. कृपया आश्वस्त रहें कि हम करण कटारिया की भलाई, और हमारे सभी छात्रों की भलाई को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं'
ये भी पढ़ें: भारतीय छात्रों के 'आधुनिक गुलाम' बनने की आशंका, उच्चायोग ने कहा-मदद करेंगे