चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana CM Manohar Lal Khattar taunts Punjab CM) ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त आम आदमी पार्टी के नेता लोगों को बहुत कुछ मुफ्त बांटने की बाते करते हैं. जब इन वादों को पूरा करने का समय आता है तो केंद्र के सामने ही पैसों के लिए कटोरा लेकर खड़े हो जाते हैं. ये बेहद शर्मनाक है. अगर राजनीति करनी है तो अपने दम पर करनी चाहिए. दरअसल, पंजाब सीेम भगवंत मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने राज्य के लिए दो साल तक 50 हजार करोड़ का पैकेज मांगा था.
चंडीगढ़ में मंगलवार की देर शाम को नाबार्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम खट्टर ने कहा कि राजनीति हमेशा आत्मनिर्भरता पर होनी चाहिए ना कि कटोरा लेकर मांगने पर. केंद्र से मांग कर राजनीति नहीं हो सकती है. यह जनमत का अपमान और प्रदेश की आत्मनिर्भरता के विरुद्ध है. वहीं, सीनियर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के सरकार को लिखे पत्र पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि उन्हें किसी भी प्रकार का अधिकारिक पत्र नहीं मिला है. उनकी सरकार पहले ही 350 लोगों से 55000 रजिस्ट्रियों की बात को लेकर स्पष्टीकरण मांग चुकी है. उन्होंने बताया कि सरकार 2010 से लेकर 2016 तक की रजिस्ट्रियों को भी जांच के दायरे में लेकर आई है.
चंडीगढ़ से नहीं छीना जा सकता किसी भी प्रदेश का हिस्सा : गृहमंत्री अमित शाह के चंडीगढ़ आने और केंद्रीय सेवा नियम लागू करने के फैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक इस मुद्दे पर बात नहीं हो पाई है, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ पर पंजाब और हरियाणा का जो 60 और 40 फीसदी का कोटा पहले भी लागू था वह आज भी लागू है. चंडीगढ़ से किसी भी प्रदेश का कोई हिस्सा छीना नहीं जा रहा है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि चंडीगढ़ अपने आप में एक केंद्र शासित प्रदेश है.
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स्टैंड-अप स्कीमों पर काम करे बैंक : इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्टेट क्रेडिट सेमीनार को संबोधित करते हुए कहा कि सभी बैंकों को स्टैंड-अप स्कीमों पर काम करना चाहिए, ताकि किसान, मजदूर, नए उद्यमियों को पैरों पर खड़ा किया जा सके. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बैंकों को ऋण देने के साथ-साथ निचले स्तर पर सर्वे, ट्रेनिंग, मॉनिटरिंग, क्षमता बढ़ाने पर भी पैसा खर्च करना चाहिए ताकि जो व्यक्ति बैंक से ऋण लेता है, वह उसका सदुपयोग करे और बैंक को आसानी से वापस लौटा सके. बैंकों को एनपीए कम करने पर भी ध्यान देना चाहिए.
हरियाणा एक प्रोग्रेसिव स्टेट : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा एक मॉडल और प्रोग्रेसिव स्टेट है, इसे और बेहतर बनाने के लिए बैंकों को उत्साह से काम करना चाहिए. बैंकों को सीएसआर ट्रस्ट के माध्यम से भी सामाजिक कार्यों में अपनी भूमिका अदा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने हरियाणा के लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत 2014-15 में 450 करोड़ का ऋण मुहैया करवाया था, जो अब बढ़कर 1400 करोड़ हो गया है. भविष्य में इसे 3 गुणा तक बढ़ाने का लक्ष्य है.